भाजपा ने 1984 के दंगों में राव का नाम उछालने पर मनमोहन सिंह को घेरा

नयी दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि अगर तत्कालीन गृह मंत्री पीवी नरसिंह राव सेना को बुलाने के सुझावों पर ध्यान देते तो 1984 के सिख विरोधी दंगों को टाला जा सकता था. भाजपा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए दंगों के लिए गुरुवार को राजीव गांधी को जिम्मेदार बताया. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 5, 2019 7:05 PM

नयी दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि अगर तत्कालीन गृह मंत्री पीवी नरसिंह राव सेना को बुलाने के सुझावों पर ध्यान देते तो 1984 के सिख विरोधी दंगों को टाला जा सकता था. भाजपा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए दंगों के लिए गुरुवार को राजीव गांधी को जिम्मेदार बताया.

पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल की स्मृति में आयोजित एक कार्यक्रम में सिंह ने बुधवार को कहा था कि गुजराल ने राव को सिख विरोधी हिंसा को रोकने के लिए सेना बुलाने का सुझाव दिया था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या किये जाने के बाद सिखों के खिलाफ हिंसा हुई थी. इंदिरा गांधी की 31 अक्तूबर 1984 को हत्या कर दी गयी थी. सिंह ने कहा, जब 1984 की दुखद घटना हुई थी, गुजराल जी उस दुखद शाम को तत्कालीन गृह मंत्री पीवी नरसिंह राव के पास गये थे और उनसे कहा था कि स्थिति गंभीर है और सरकार के लिए जरूरी है कि जल्द से जल्द सेना को बुलाये. अगर इस सलाह पर ध्यान दिया जाता तो शायद 1984 में हुए नरसंहार को टाला जा सकता था.

सिंह पर तंज कसते हुए भाजपा ने पूछा कि अगर राव इतने बुरे थे, तो वह 1991 में उनकी सरकार में वित्त मंत्री क्यों बने थे. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दंगों के लिए राजीव गांधी को जिम्मेदार ठहराया जो इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उसी रात को प्रधानमंत्री बने थे. जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री के पास ऐसी स्थिति में सेना को तैनात करने के लिए आदेश देने का अधिकार है. मंत्री ने पत्रकारों से कहा, राजीव गांधी ने बाद में यह कहकर दंगों का समर्थन किया कि जब बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है. गुजराल के बेटे और अकाली दल के सांसद नरेश गुजराल ने सच बोलने के लिए सिंह की तारीफ की.

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