भोपाल : मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में प्रसिद्ध पर्वतीय पर्यटन स्थल पंचमढ़ी स्थित भारतीय सेना के एक शिविर की चौकी पर तैनात संतरियों को झांसा देकर उनकी दो इंसास राइफल और 20 कारतूस चोरी करने वाले दो लोगों के बारे में शनिवार की शाम को पुलिस को अहम सुराग मिला है. पुलिस को सुराग मिला है कि उनमें से एक व्यक्ति सेना का सिपाही है और घटना के बाद दोनों महाराष्ट्र की तरफ गये थे.
मामले की जांच में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपनी पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर शनिवार को बताया कि हमारी सूचना के अनुसार पहले हमें उनकी लोकेशन महाराष्ट्र में मिल रही थी, लेकिन फिलहाल उनकी लोकेशन नहीं मिल रही है. उनमें से एक की पहचान सेना के सिपाही हरप्रीत सिंह के तौर पर हुई है. वह पंजाब के होशियारपुर का रहने वाला है और झारखंड के रामगढ़ स्थित सिख रेजीमेंट में पदस्थ है. वह 15 अक्टूबर, 2019 से सेना की अपनी ड्यूटी से गैर-हाजिर है. उन्होंने बताया कि यह सिपाही सेना के बैंड स्कूल पंचमढ़ी में प्रशिक्षण के लिए कुछ महीने तक रहा भी था.
होशंगाबाद के पुलिस अधीक्षक एमएल छारी ने शनिवार सुबह बताया कि चोरी करने से पहले बदमाशों ने पंचमढ़ी के एक ढाबे से खाना पैक कराया था. हमें ढाबे से आरोपियों के सीसीटीवी फुटेज मिले हैं. इसमें एक आरोपी काले रंग का हुड शर्ट और दूसरा पीले रंग का हुड शर्ट पहना हुआ है. उन्होंने बताया कि आरोपियों ने पिपरिया रेलवे स्टेशन से पंचमढ़ी में सेना शिविर तक आने और जाने के लिए जिस एसयूवी वाहन को किराये पर लिया था, उसके चालक ने हमें बताया कि वे पंजाबी लहजे में बात कर रहे थे. पिपरिया रेलवे स्टेशन से पंचमढ़ी लगभग 55 किलोमीटर दूर है.
एसपी ने बताया कि हम वाहन चालक से पूछताछ कर रहे हैं. पिपरिया रेलवे स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं. इसलिए पिपरिया से बदमाश आगे कहां और कैसे गये यह पता नहीं चल पा रहा है. छारी ने बताया कि दोनों बदमाश गुरुवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात लगभग डेढ़ बजे सेना के शिविर में पहुंचे और लगभग दो घंटे तक वहां रुके और तीन बजकर 13 मिनट पर वहां से निकल गये. प्रदेश के अहम ठिकाने पर सुरक्षा में सेंध की इस घटना के बाद पुलिस ने प्रदेश में हाई अलर्ट लागू कर दिया है.
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (खुफिया) डॉ एस डब्ल्यू नकवी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज से हमें पता चला है कि दोनों बदमाश ट्रेन से जबलपुर से पिपरिया आये थे. अभी यह पता नहीं चला है कि वे अपराध करने के बाद पिपरिया से कैसे भागे. उन्होंने कहा कि घटना के बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने सूबे में सतर्कता बढ़ा दी है.
उन्होंने कहा कि एसयूवी से उतरने के बाद दोनों ने जांच चौकी के संतरियों के सामने स्वयं को सेना के अधिकारियों के रुप में प्रस्तुत किया और एक संतरी से अन्य जवानों को जमा करने के लिए कहा और दूसरे संतरी को जूनियर कमिशन अधिकारी (जेसीओ) को बुलाने के लिए कहा. दोनों संतरी उनके आदेशों का पालन करते हुए अपने इंसास राइफल और 20 कारतूस वहीं छोड़कर चले गये. इसके बाद दोनों राइफलें और कारतूस चोरी कर वहां से फरार हो गये.