लोकसभा में निशिकांत दूबे ने झारखंड के बांधों से राज्य को पानी उपलब्ध कराने की मांग की
नयी दिल्लीः संसद के शीतकालीन सत्र का आज 17वां दिन है. आज राज्यसभा में आर्म्स अमेंडमेंट बिल पेश होगा. ये बिल सोमवार को लोकसभा से पास हुआ है. इससे पहले सोमवार को नागरिकता संशोधन बिल देर रात तक जारी बहस के बाद लोकसभा से पास हो गया है.ये बिल बुधवार को राज्यसभा में पेश होगा. […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
December 10, 2019 12:10 PM
नयी दिल्लीः संसद के शीतकालीन सत्र का आज 17वां दिन है. आज राज्यसभा में आर्म्स अमेंडमेंट बिल पेश होगा. ये बिल सोमवार को लोकसभा से पास हुआ है. इससे पहले सोमवार को नागरिकता संशोधन बिल देर रात तक जारी बहस के बाद लोकसभा से पास हो गया है.ये बिल बुधवार को राज्यसभा में पेश होगा. संसद में क्य क्या चल रहे है पढ़ें लाइव अपडेट…
-लोकसभा में भाजपा सदस्य निशिकांत दूबे ने मंगलवार को झारखंड में मयूराक्षी और चानन नदी पर बने बांधों से संबंधित पानी का पश्चिम बंगाल और बिहार द्वारा इस्तेमाल करने का मुद्दा उठाया तथा इसका समाधान निकालने के लिये समिति गठित करने की मांग की. शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए दूबे ने कहा कि झारखंड में दो नदियां मयूराक्षी और चानन हैं. इन पर बांध झारखंड के क्षेत्र में बने हैं लेकिन पानी का उपयोग पश्चिम बंगाल और बिहार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 19 जुलाई 1978 में पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्योति बसु और बिहार के तब के मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के बीच समझौता हुआ था. इसमें कहा गया था कि बंगाल तीन बांध का निर्माण करेगा. भाजपा सांसद ने कहा कि समझौते को 40..41 साल हो गए हैं लेकिन अब तक पश्चिम बंगाल ने कोई कार्य नहीं किया है. उन्होंने कहा कि झारखंड को पानी की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है. दूबे ने कहा कि इन विषयों पर विचार करने के लिये समिति बनाई जाए.
-कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री हर मुद्दे पर बोलते हैं, लेकिन महिलाओं के खिलाफ अपराध पर वह शांत हैं. भारत मेक इन इंडिया से रेप इन इंडिया बनता जा रहा है.
-गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि जम्मू-कश्मीर में हिरासत में लिए गए नेताओं को छोड़ने का निर्णय स्थानीय प्रशासन की ओर से लिया जाएगा तथा वहां के मामले में केंद्र सरकार दखल नहीं देगी.
– कश्मीर मसले को लेकर विपक्ष के सवाल पर अमित शाह हुआ हमलावर, कहा वंहा पर हालात सामान्य है. मैं कांग्रेस की स्थिति को सामान्य नहीं बना सकता, क्योंकि उन्होंने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद खून खराबे की भविष्यवाणी की थी. उस तरह का कुछ नहीं हुआ, एक गोली नहीं चली. कहा कि जम्मू-कश्मीर पर पंचायत और तालुका के चुनाव बिना किसी विरोध के संपन्न हुए है. कहा कि विपक्ष ने कुछ नेताओं के जेल में होने पर चिंता व्यक्त की गई है और होनी भी चाहिए. उसकी चिंता हमें भी है लेकिन अगर घाटी के लोगों की चिंता करते तो मुझे जवाब देने में ज्यादा खुशी होती.
– अमित शाह ने कहा कि जहां तक कश्मीर की जनता है वहां पूरी तरह स्थिति नॉर्मल है लेकिन कांग्रेस की स्थिति नॉर्मल नहीं है. कश्मीर में एक भी गोली नहीं चली. नेताओं की रिहाई पर अमित शाह ने जब प्रशासन को उचित लगेगा उन्हें रिहा कर दिया जाएगा. फारूक अब्दुल्ला की हिरासत पर अमित शाह ने कहा कि उन्हें हिरासत में लिए हुए 5 से 6 महीने हुए हैं. कांग्रेस ने उनके पिता शेख अब्दुल्ला को 11 साल तक जेल में रखा था.
– सदन में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने सवाल किया- जम्मू-कश्मीर में फारूक अब्दुल्ला और दूसरे नेताओं को कब रिहा किया जाएगा तथा क्या वहां राजनीति गतिविधि बहाल है ? इससे पहले गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि पड़ोसी देश पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर को लेकर गलत प्रचार कर रहा है, लेकिन सरकार वहां स्थिति सामान्य बनाए रखने को प्रतिबद्ध है.
– लोकसभा में उठा कश्मीर का मामला, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन कि कश्मीर में रामराज आ गया है. कश्मीर में कौन से हालात सामान्य हुए हैं. हमारे नेता राहुल गांधी को वहां नहीं जाने दिया जाता है. हिरासत में लिए गए नेताओं को कब छोड़ा जाएगा.
– गृह मंत्री अमित शाह दिल्ली अग्निकांड पर बोल सकते हैं. वह करीब 12 बजे लोकसभा में बोल सकते हैं. बता दें कि दिल्ली के फिल्मीस्तान इलाके में एक फैक्ट्री में आग लगने से 43 लोगों की मौत हो गई थी.
– वाम दलों ने संसद परिसर में नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ प्रदर्शन किया. लेफ्ट पार्टियों का कहना है कि यह देश के संविधान के खिलाफ है. धर्म के आधार पर बंटवारा किए जाने की कोशिश है, जो हमको स्वीकार नहीं है. लेफ्ट पार्टियों के सांसदों का कहना है कि आरएसएस, बीजेपी भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की कोशिश कर रही हैं.
– शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन करने के बावजूद भी राज्यसभा में अलग विचार कर सकते हैं.