हनी ट्रैप मामले के “खुलासों” को लेकर चर्चा में चल रहे अखबार के दफ्तर पर गिरी गाज
इंदौर : मानव तस्करी समेत कई आपराधिक मामलों में पिछले 12 दिन से फरार चल रहे स्थानीय कारोबारी की अवैध सम्पत्तियों के खिलाफ जारी मुहिम में यहां उसके सांध्य दैनिक का दफ्तर शहरी निकाय ने बुधवार को ढहा दिया. यह अखबार सूबे के कुख्यात हनी ट्रैप मामले की सनसनीखेज खबरें छापने के बाद चर्चा में […]
इंदौर : मानव तस्करी समेत कई आपराधिक मामलों में पिछले 12 दिन से फरार चल रहे स्थानीय कारोबारी की अवैध सम्पत्तियों के खिलाफ जारी मुहिम में यहां उसके सांध्य दैनिक का दफ्तर शहरी निकाय ने बुधवार को ढहा दिया. यह अखबार सूबे के कुख्यात हनी ट्रैप मामले की सनसनीखेज खबरें छापने के बाद चर्चा में चल रहा था.
इंदौर नगर निगम (आईएमसी) के आयुक्त आशीष सिंह ने बताया कि शहर के प्रेस कॉम्प्लेक्स में जितेंद्र सोनी के सांध्य दैनिक "संझा लोकस्वामी" का 2,500 वर्ग फुट से ज्यादा क्षेत्रफल पर "अवैध रूप से बना" दफ्तर जमींदोज कर दिया गया. उन्होंने बताया, "इस दफ्तर के निर्माण के लिये आईएमसी से कोई अनुमति नहीं ली गयी थी. इस बारे में शिकायत मिलने पर हमने दफ्तर के मालिक के नाम सात दिन पहले नोटिस जारी किया था. लेकिन न तो इस नोटिस का जवाब दिया गया, न ही इस दफ्तर के निर्माण की अनुमति के दस्तावेज पेश किये गये."
आईएमसी आयुक्त ने बताया कि गड़बड़ियों की अलग-अलग शिकायतें सही पाये जाने पर शहर में सोनी के दो बंगले, नाइट क्लब, होटल और रेस्तरां के अन्य अवैध निर्माण भी गुजरे सात दिन में हटा दिये गये हैं. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक सोनी को मानव तस्करी समेत 30 से ज्यादा आपराधिक मामलों में कथित भूमिका के लिये ढूंढा जा रहा है. उनकी गिरफ्तारी पर 30,000 रुपये का इनाम घोषित है. सोनी संझा लोकस्वामी के मालिक और प्रधान संपादक भी हैं.
यह अखबार प्रदेश के कुख्यात हनी ट्रैप मामले में फंसे राजनेताओं और नौकरशाही से जुड़े रसूखदार लोगों से कथित रूप से संबंधित ऑडियो-वीडियो पर आधारित खबरें पिछले कई दिनों से प्रकाशित और प्रसारित कर रहा था. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हनी ट्रैप मामले के शिकायतकर्ता और इंदौर नगर निगम के निलंबित अधीक्षण इंजीनियर हरभजन सिंह (60) ने इस हाई प्रोफाइल सेक्स कांड को लेकर सांध्य दैनिक में अपने बारे में 29 नवम्बर को छपी खबर पर आपत्ति जतायी थी. इसके साथ ही, सोनी के खिलाफ आईटी एक्ट के संबद्ध प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसके बाद 30 नवंबर की रात से सोनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की शुरुआत की गयी थी.
हनी ट्रैप गिरोह की पांच महिलाओं और उनके ड्राइवर को भोपाल और इंदौर से सितंबर में गिरफ्तार किया गया था. गिरोह खुफिया कैमरों से अंतरंग पलों के वीडियो बनाकर अपने "शिकारों" को इस आपत्तिजनक सामग्री के बूते ब्लैकमेल करता था.