किसी के पास ”शक्ति” नहीं तो किसी में इच्छाशक्ति नहीं
दिल्ली में सरकार बनाने की चुप्पी पर आज सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि सरकार अब तक इसको लेकर क्या कदम उठा रही है. आखिर कब तक विधायक बिना कोई काम किये घर में बैठे रहेंगे. दरअसल केंद्र में भाजपा की सरकार है. लोकसभा चुनाव में तो बीजेपी का प्रदर्शन शानदार रहा लेकिन […]
दिल्ली में सरकार बनाने की चुप्पी पर आज सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि सरकार अब तक इसको लेकर क्या कदम उठा रही है. आखिर कब तक विधायक बिना कोई काम किये घर में बैठे रहेंगे. दरअसल केंद्र में भाजपा की सरकार है. लोकसभा चुनाव में तो बीजेपी का प्रदर्शन शानदार रहा लेकिन सरकार बनने के बाद सरकार के पास जनता को प्रत्यक्ष रुप से दिखाने के लिए कुछ विशेष नहीं है. ऊपर से महंगाई में वृद्धि, तेल के दामों में वृद्धि, डीयू-यूजीसी विवाद, इधर सीसैट विवाद आदि को लेकर सरकार आलोचनाओं में घिरी रही.
किन्तु अब सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद अब सरकार को दिल्ली विधानसभा भंग कर फिर से चुनाव के लिए कमर कसना होगा. कोर्ट ने आम जनता का हवाला देते हुए कहा कि आम जनता सवाल पूछ रही है कि आखिर चुने हुए विधायक केवल घर में बैठकर तनख्वाह ले रहें हैं यह कहां तक उचित है.
क्या कहा कोर्ट ने
मंगलवार को केंद्र सरकार से पूछा कि दिल्ली में सरकार गठन को लेकर क्या कदम उठाए गए हैं और विधायक कब तक बिना काम के घर में बैठेंगे? कोर्ट ने केंद्र से कहा कि वह जल्द से जल्द गतिरोध को खत्म करे.
केजरीवाल ने दायर की थी याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए आज ये बातें कही. केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा भंग कर नये सिरे से चुनाव कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
एक के पास बहुमत नहीं तो दूसरे में इच्छा शक्ति नहीं
केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने कहा एक पार्टी कहती है कि उसके पास सरकार बनाने के लिए बहुमत नहीं है. दूसरी पार्टी कहती है कि उसकी इच्छा नहीं है और तीसरी पार्टी के पास पर्याप्त सीटें नहीं है. इस तरह की स्थिति में आम लोगों को क्यों परेशान हो?" कोर्ट ने कहा कि अगर सरकार ऐसा बयान जारी करती है कि उपराज्यपाल दो महीने के भीतर विधानसभा को भंग करने पर विचार करेंगे तो हम इस याचिका का निपटारा कर देंगे.
केजरीवाल भाजपा पर खरीद-फरोख्त का आरोप भी लगा चुकी है
गौरतलब हो कि याचिका दायर करने से पूर्व केजरीवाल भाजपा पर यह आरोप भी लगा चुके हैं कि वह दूसरी पार्टियों के विधायकों की खरीद-फरोख्त कर सरकार बनाने की जुगाड में है. बाद में आप पार्टी पर भी आरोप लगे थे कि वह कांग्रेस से साठ-गांठ कर रही है ताकि फिर से दिल्ली में सरकार बनाया जा सके. इसमें मनीष सिसोदिया का नाम काफी उभर कर आया था. हालांकि बाद में दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे के आरोपों को खारिज कर दिया.
अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देने के बाद से सरकार क्या करती है यह देखने की बात है.