जामिया हिंसा : विपक्ष ने छात्रों पर पुलिसिया कार्रवाई की न्यायिक जांच की मांग की
नयी दिल्ली : कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी राजनीतिक दलों ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों के खिलाफ पुलिस की बर्बरता की सोमवार को निंदा की और घटना की उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से न्यायिक जांच की मांग की. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल, माकपा नेता सीताराम येचुरी और भाकपा नेता […]
नयी दिल्ली : कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी राजनीतिक दलों ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों के खिलाफ पुलिस की बर्बरता की सोमवार को निंदा की और घटना की उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से न्यायिक जांच की मांग की.
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल, माकपा नेता सीताराम येचुरी और भाकपा नेता डी राजा, राजद के मनोज झा, सपा के जावेद अली खान और वरिषठ नेता शरद यादव ने संवाददाता सम्मेलन में उन छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की निंदा की जो संशोधित नागरिकता कानून का विरोध कर रहे थे. आजाद ने सवाल किया, जब विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुलिस को प्रवेश की इजाजत नहीं दी तो पुलिस जामिया में कैसे घुस सकती है और छात्रों के साथ ऐसी बर्बरता कैसे कर सकती है. उन्होंने कहा, जामिया में छात्रों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की न्यायिक जांच की जानी चाहिए. आजाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आरोपों को खारिज किया जिनमें उन्होंने कहा था कि हिंसक प्रदर्शनों के पीछे कांग्रेस का हाथ है. उन्होंने कहा, इस तरह के आरोप लगाना गलत है. हम इसकी निंदा करते हैं.
येचुरी ने कहा कि यह हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा नहीं है. साथ ही उन्होंने लोगों से कहा कि वह अफवाहों पर न जायें, जो हुआ है वह संविधान के लिए अपमानजनक है. उन्होंने उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश द्वारा मामले की जांच की मांग की. उन्होंने आरोप लगाया, हिंसा के पीछे सत्तारुढ़ दल और भारत सरकार है. सरकार यह कानून नहीं लाती तो ऐसी हिंसा ही नहीं होती. इस हिंसा के लिए जिम्मेदार हैं प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और मंत्रिमंडल. राजा ने कहा कि जिन्होंने जामिया में पुलिस को प्रवेश करने के आदेश दिये उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और उन्हें दंडित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, देश में गृह युद्ध जैसे हालात हैं जिसके लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.
डी राजा ने सवाल किया कि दिल्ली पुलिस केंद्र के अधीन आती है, तो जामिया के छात्रों पर बल प्रयोग को लेकर गृह मंत्री अमित शाह की क्या प्रतिक्रिया है. उन्होंने कहा, पुलिस की इस बर्बरता के लिए अमित शाह को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए. गृह मंत्री की क्या प्रतिक्रिया है, कहां हैं वह. उन्होंने कहा कि वाम दल 19 दिसंबर को देशभर में प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने इस आंदोलन में सभी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक बलों से शामिल होने की अपील की. येचुरी ने कहा कि वह इस तरह की हिंसा की निंदा करते हैं और इस आंदोलन को देशभर में ले जायेंगे. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में पुलिस का बिना इजाजत प्रवेश लोकतंत्र में स्वीकार्य नहीं है.
राजद के मनोज झा ने कहा कि विधायी बहुमत संवैधानिक नैतिकता को तबाह करने का प्रयास कर रहा है. जामिया में जो कुछ भी हुआ उसे इतिहास भूलेगा नहीं. उन्होंने 21 दिसंबर को बिहार बंद का आह्वान किया. सिब्बल ने कहा कि सरकार के कदम से जो हिंसा और दंगे भड़के हैं वह बेहद खतरनाक हैं. उन्होंने कहा, हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि यह मामला यहां खत्म होने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि हिंसा कैसे हुई इसकी जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के नेतृत्व में जांच आयोग का गठन किया जाना चाहिए. उन्होंने गृह मंत्री पर गलत दावे करने का आरोप लगाया.