सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के खिलाफ 26 साल पुरानी याचिका खारिज की
नयी दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने पांच समुदायों- मुसलमानों, ईसाइयों, सिखों, बौद्धों और पारसियों को अल्पसंख्यकों का दर्जा देने वाली केंद्र सरकार की 26 साल पुरानी अधिसूचना की वैधता को चुनौती देने वाली एक याचिका को मंगलवार को खारिज कर दिया. प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अगुवाई वाली पीठ ने भाजपा नेता एवं अधिवक्ता अश्विनी […]
नयी दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने पांच समुदायों- मुसलमानों, ईसाइयों, सिखों, बौद्धों और पारसियों को अल्पसंख्यकों का दर्जा देने वाली केंद्र सरकार की 26 साल पुरानी अधिसूचना की वैधता को चुनौती देने वाली एक याचिका को मंगलवार को खारिज कर दिया.
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अगुवाई वाली पीठ ने भाजपा नेता एवं अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया.
इस याचिका में किसी समुदाय की राज्यवार आबादी के आधार पर अल्पसंख्यक का दर्जा देने के संबंध में दिशा-निर्देश देने का अनुरोध किया गया था. पीठ ने कहा कि धर्म को पूरे देश के परिदृश्य में जोड़ कर देखा जाना चाहिए. इस पीठ में न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल थे.