गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- नागरिकता कानून लागू करने से पीछे हटने का सवाल ही नहीं

मुंबई/नयी दिल्ली : नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) को लेकर बढ़ते विरोध के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को इस बात पर बल दिया कि इसके क्रियान्वयन से पीछे हटने का सवाल ही नहीं है. उन्होंने विपक्ष पर इस कानून को लेकर दुष्प्रचार अभियान में शामिल होने का आरोप लगाया. शाह ने यहां […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 17, 2019 9:22 PM

मुंबई/नयी दिल्ली : नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) को लेकर बढ़ते विरोध के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को इस बात पर बल दिया कि इसके क्रियान्वयन से पीछे हटने का सवाल ही नहीं है. उन्होंने विपक्ष पर इस कानून को लेकर दुष्प्रचार अभियान में शामिल होने का आरोप लगाया.

शाह ने यहां ‘इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव’ में कहा कि सीएए में अल्पसंख्यकों के खिलाफ कुछ भी नहीं है. इसे पिछले हफ्ते संसद में पारित किया गया और राष्ट्रपति की मंजूरी मिल चुकी है. विपक्ष इस कानून को असंवैधानिक और विभाजनकारी बताकर इसे वापस लेने की मांग कर रहा है. इस पर शाह ने कहा, नागरिकता कानून पर पीछे नहीं हटेंगे. सरकार इसके क्रियान्वयन के लिए चट्टान की तरह दृढ़ प्रतिज्ञ है. नयी दिल्ली में विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर उनसे केंद्रीय विश्वविद्यालयों में हो रही हिंसा में हस्तक्षेप का अनुरोध किया और मोदी सरकार से असंवैधानिक व विभाजक नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेने की मांग की. शाह ने इस बात पर भी भरोसा व्यक्त किया कि संशोधित नागरिकता अधिनियम कानूनी समीक्षा में खरा उतरेगा.

गृह मंत्री ने कहा कि इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि सिर्फ उन्हीं लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है जो प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ व आगजनी में शामिल हैं. सीएए को लेकर बढ़ते विरोध प्रदर्शनों पर शाह ने कहा कि कानून में कुछ भी अल्पसंख्यक विरोधी नहीं है जो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता प्रदान कराने का प्रावधान करता है. विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वह नये नागरिकता कानून को लेकर दुष्प्रचार अभियान में शामिल हैं.

विनायक दामोदर सावरकर पर टिप्पणी के लिए राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि कांग्रेस नेता प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी जैसे बन भी नहीं सकते. दिल्ली में शनिवार को कांग्रेस की ‘भारत बचाओ रैली’ को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने अपनी ‘रेप इन इंडिया’ वाली टिप्पणी पर भाजपा की माफी की मांग को खारिज करते हुए कहा कि उनका नाम राहुल गांधी है ‘राहुल सावरकर’ नहीं और वह सच बोलने के लिए कभी माफी नहीं मांगेंगे. गृह मंत्री ने कहा, राहुल गांधी वीर सावरकर नहीं हो सकते, सावरकर होने के लिए काफी त्याग और समर्पण की जरूरत होती है.

भाजपा अध्यक्ष ने अगले साल होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत को लेकर भी भरोसा व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि 70 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा पूर्ण बहुमत हासिल करेगी. दिल्ली में फिलहाल आम आदमी पार्टी की सरकार है. विपक्ष के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार लोगों की आवाज को दबा’ रही है और ऐसे कानून लेकर आ रही है जो उन्हें स्वीकार्य नहीं. देश के बड़े हिस्से, खास कर पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. सीएए के आलोचक इस कानून को भेदभाव की प्रकृति वाला बता रहे हैं और उनका मानना है कि यह संविधान की मूल भावना के खिलाफ है.

इससे पहले नयी दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह ने नये कानून का विरोध करने वाले लोगों को चुनौती देते हुए कहा कि वे जितना चाहें कानून का विरोध कर सकते हैं. कुछ भी हो मोदी सरकार सुनिश्चित करेगी कि इन शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता हासिल हो और वे सम्मान के साथ भारतीय नागरिक बनकर जियें. गृहमंत्री ने विपक्षी दलों पर लोगों को भड़काने का आरोप लगाया.उन्होंने कहा, विपक्ष लोगों के बीच भ्रम फैलाने में जुटा है. कहा कि नागरिकता कानून का मतलब अल्पसंख्यक वर्ग के किसी भी व्यक्ति से नागरिकता वापस लेना नहीं है. बिल में ऐसा कोई भी प्रावधान नहीं है.

शाह ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि 1950 में नेहरू-लियाकत समझौता हुआ था, जिसमें कहा गया था कि एक-दूसरे देश के अल्पसंख्यकों की रक्षा की जायेगी. इस पर बीते 70 सालों से काम नहीं किया गया क्योंकि कांग्रेस वोट बैंक की राजनीति में विश्वास करती है. हमारी सरकार ने इस समझौते को सही ढंग से लागू किया है और लाखों लोगों को नागरिकता देने का फैसला लिया गया है.

Next Article

Exit mobile version