नयी दिल्ली: मशहूर कार्टूनिस्ट प्राण कुमार शर्मा का 75 साल की उम्र में निधन हो गया है. प्राण लंबे समय से बीमार थे. वह कैंसर से पीड़ित थे. बताया जा रहा है कि वे पिछले दस दिनों से आईसीयू में भर्ती थे. मंगलवार रात गुड़गांव में उन्होंने अंतिम सांस ली. प्राण को कार्टून किंग कहा जाता है. उन्होंने करोड़ों लोगों को कॉमिक्स के माध्यम से खुशी देने का प्रयास किया.
बच्चों के बीच प्राण अपनी एक अलग पहचान रखते थे. प्राण को मशहुर कार्टून कैरेक्टर चाचा चौधरी के चलते याद किया जाता रहेगा. बताते चलें कि बच्चों के बीच चाचा चौधरी कॉमिक्स काफी मशहुर हुआ.
*अविभाजित भारत मेंहुआ था जन्म
प्राण का जन्म वर्ष 1938 में गैर-विभाजित भारत में लाहौर के पास कासूर में हुआ था. प्राण ने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1960 में एक कार्टूनिस्ट के तौर पर दिल्ली के अखबार ‘मिलाप’ की कॉमिक पट्टी ‘दब्बू’ से की. वर्ष 1969 में प्राण ने हिंदी पत्रिका ‘लोटपोट’ के लिए चाचा चौधरी का स्केच बनाया, जिसने उन्हें लोकप्रिय बना दिया. वर्ष 1981 में डायमंड कॉमिक्स के गुलशन राय ने प्राण से संपर्क किया और इस तरह उनका एक ऐसा सफर साथ शुरु हुआ जो अगले 35 सालों तक जारी रहा.
प्राण को कई पुरस्कारों से नवाजा गया था. वर्ष 1995 में उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया था. इसके अलावा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कार्टूनिस्ट्स ने वर्ष 2001 में उन्हें ‘लाइफ टाईम अचीवमेंट अवॉर्ड’ से नवाजा था. ‘द वर्ल्ड एनसाइक्लोपीडिया ऑफ कॉमिक्स’ में प्राण को ‘भारत का वॉल्ट डिज्नी’ बताया गया है और चाचा चौधरी की पट्टी अमेरिका स्थित कार्टून कला के अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय में लगी हुई है.
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* 500 से ज्यादा कॉमिक्स प्रकाशित
कॉमिक्स के चलते बच्चों के प्राण बन चुके प्राण ने लगभग 500 से ज्यादा कॉमिक्स का प्रकाशन किया. जिसमें सबसे ज्यादा मशहूर चाचा चौधरी रहा. चाचा चौधरी और साबू का कैरेक्टर काफी फेमस हुआ. बच्चों के जुबां पर तो हमेशा साबू और चाचा चौधरी का ही नाम आता था. कहा जाता था कि चाचा चौधरी का दिमाग कम्प्यूटर से भी ज्यादा तेज चलता है. प्रसिद्ध कॉमिक्स के बैनर तले प्राण ने 500 से ज्यादा शीर्षक प्रकाशित किए. उनके 25000 से ज्यादा कॉमिक्स अंग्रेजी, हिंदी और बंगाली समेत कुल 10 भाषाओं में छपे.
* कई कॉमिक्स कैरेक्टर को दिया जन्म
बहुत लोग अपने बचपन के उन वर्षों को याद करते हुए भावुक हो जाते हैं, जब वे चाचा चौधरी और हमेशा उनके साथ रहने वाले साथी साबू के कारनामों, दुष्ट राका, साहसी चाची, नटखट बिल्लू और चुलबुली पिंकी, रमन और श्रीमति जी जैसे यादगार किरदारों के मनोरंजक किस्से पढा करते थे. अपने पचास साल से भी ज्यादा के करियर में प्राण ने यादगार किरदार रचने के लिए कला और हास्य का एक सीधा और सरल तरीका अपनाया.
* इंदिरा गांधी ने 1983 में जारी किया था प्राण कॉमिक्स का अंक
देश की मशहूर प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से भी प्राण का अच्छा संबंध था. इसका प्रमाण इसी से मिलता है कि इंदिरा गांधी ने प्राण कॉमिक्स का अंक ‘रमण हम एक हैं’ को प्रकाशित किया था.
कई कृतियों पर बनीं हैं फिल्में
प्राण की कई कृतियों पर कार्टून फिल्में भी बनाई गईं. वर्ष 2009 में आए एक रुपांतरण में रघवीर यादव ने चाचा चौधरी का किरदार निभाया था. चाचाचौधरी.कॉम के अनुसार, प्राण एक वैश्विक शख्सियत थे और उन्होंने अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, चीन, दक्षिण कोरिया समेत दुनिया के एक बडे हिस्से की यात्रा की थी. वे जहां भी गए, वहां उन्होंने कार्टूनिस्टों की सभाओं को संबोधित किया. अपनी वेबसाइट पर प्राण के हवाले से लिखा गया है, ‘यदि मैं लोगों के चेहरे पर एक मुस्कान ला सका तो मैं अपने जीवन को सफल मानूंगा.’