नयी दिल्लीः राज्यसभा में बसपा संसदीय दल के नेता सतीश मिश्रा की अगुवाई में पार्टी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाक़ात की. बसपा सांसदों ने संशोधित नागरिकता क़ानून (सीएए) को विभाजनकारी बताते हुए राष्ट्रपति से इसे वापस लेने की मांग की. लोकसभा और राज्यसभा में बसपा के सभी 13 सांसदों के हस्ताक्षर वाले ज्ञापन में कहा गया है कि पार्टी अध्यक्ष मायावती पहले ही संशोधित नागरिकता कानून को विभाजनकारी बताते हुए इसे वापस लेने की मांग कर चुकी हैं.
पार्टी ने राष्ट्रपति से दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और लखनऊ के नदवा कॉलेज सहित देश के अन्य इलाको में इस कानून के विरोध में किए गए आंदोलन के दौरान पुलिस की कथित कार्रवाई की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग भी की.
पार्टी सांसदों ने 15 दिसंबर को जामिया मिल्लिया इस्लामिया विवि में दिल्ली पुलिस द्वारा बिना इजाजत के प्रवेश कर पुस्तकालय में पढ़ रहे छात्रों पर कथित लाठीचार्ज को गैरकानूनी बताते हुए इसके ख़िलाफ़ उचित कार्रवाई करने की भी राष्ट्रपति से मांग की है.
प्रतिनिधिमंडल में लोकसभा में बसपा संसदीय दल के नेता दानिश अली और निचले सदन में पार्टी के अन्य सदस्य और मिश्रा सहित चारों राज्यसभा सदस्य भी शामिल थे.