NRC और CAA पर ममता की मांग, UN की देखरेख में हो जनमत संग्रह

कोलकाता: देश की आजादी के कई वर्षों के बाद अब नागरिकता साबित करने की क्यों जरूरत पड़ गयी? यदि यह जरूरी है, तो राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर जनमत संग्रह कराया जाये, जिसे संयुक्त राष्ट्र (यूएन), मानवाधिकार संगठनों व विशेषज्ञों द्वारा गठित कमेटी मॉनिटर करे. यह चुनौती भाजपा नीत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2019 7:57 PM

कोलकाता: देश की आजादी के कई वर्षों के बाद अब नागरिकता साबित करने की क्यों जरूरत पड़ गयी? यदि यह जरूरी है, तो राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर जनमत संग्रह कराया जाये, जिसे संयुक्त राष्ट्र (यूएन), मानवाधिकार संगठनों व विशेषज्ञों द्वारा गठित कमेटी मॉनिटर करे.

यह चुनौती भाजपा नीत केंद्र सरकार को राज्य की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने दी है. वह गुरुवार को महानगर के रानी रासमणि एवेन्यू में तृणमूल छात्र परिषद और तृणमूल युवा कांग्रेस की ओर से आयोजित सभा को संबोधित कर रही थीं.

उन्होंने यह भी कहा कि जनमत संग्रह के बाद यह पता चल जाएगा कि कितने लोग इनके पक्ष में हैं व कितने विपक्ष में. भाजपा को चैलेंज करते हुए सुश्री बनर्जी ने आगे कहा कि यदि वे हारते हैं तो उन्हें इस्तीफा देकर जाना होगा.

फेसबुक व सोशल मीडिया का इस्तेमाल लोगों को भ्रमित व गुमराह करने के लिए नहीं हो. ‍विभाजन की राजनीति को कभी भी स्वीकार नहीं किया जायेगा. लोकतंत्र की रक्षा के लिए तृणमूल कांग्रेस का आंदोलन जारी रहेगा.

सीएए का विरोध करने के दौरान इतिहासकार व लेखक रामचंद्र गुहा को हिरासत में लिये जाने को लेकर भी तृणमूल सुप्रीमो ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी गलती थी कि वह गांधी की एक तस्वीर के साथ विरोध कर रहे थे.

क्या किसी व्यक्ति की पहचान उनके कपड़ों से हो? भाजपा नेता तब कहां थे जब स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया जा रहा था? पहले आधार कार्ड जरूरी था लेकिन अब कहा जा रहा है कि यह जरूरी नहीं है.

अब अभिभावकों को दस्तावेज निकालने पड़ रहे हैं, यह क्या सही है? गत लोकसभा चुनाव में भाजपा को भले ही करीब 32 फीसदी वोट मिले लेकिन 68 फीसदी लोगों ने वोट नहीं दिया है.

32 फीसदी वोट के बल पर भाजपा अपनी मनमानी नहीं कर सकती है. सभा के दौरान सांसद अभिषेक बनर्जी, सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय, राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चट्टोपाध्याय, डॉ शशि पांजा, चंद्रिमा भट्टाचार्य, मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय समेत अन्य नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे.

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