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CAA विरोध : कई राज्यों में अलर्ट, जामा मस्जिद के पास व्यापक प्रदर्शन; भीम आर्मी चीफ हिरासत में

नयी दिल्ली : हाथों में तिरंगा और ‘संविधान बचाओ’ की तख्तियां लिए हुए हजारों लोगों ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में रैलियां निकालीं. देशभर में गुरुवार को भीषण विरोध प्रदर्शनों में तीन लोगों की मौत के बाद विभिन्न राज्यों में सुरक्षाबल मुस्तैद हैं. कर्नाटक और उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों […]

नयी दिल्ली : हाथों में तिरंगा और ‘संविधान बचाओ’ की तख्तियां लिए हुए हजारों लोगों ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में रैलियां निकालीं. देशभर में गुरुवार को भीषण विरोध प्रदर्शनों में तीन लोगों की मौत के बाद विभिन्न राज्यों में सुरक्षाबल मुस्तैद हैं.

कर्नाटक और उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवा पर रोक लगा दी गयी. गुरुवार को विरोध तेज होने के बाद मंगलुरु में पुलिस की गोलीबारी में दो लोगों और लखनऊ में एक व्यक्ति की मौत हो गयी. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच ताजा झड़प की खबरें मिली हैं. राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार की नमाज के मद्देनजर अतिरिक्त सुरक्षा बंदोबस्त किये गये और संवेदनशील इलाके में निषेधाज्ञा लागू की गयी है. हालांकि, दोपहर की नमाज के बाद जामा मस्जिद इलाके में व्यापक प्रदर्शन हुआ और मार्च करने की अनुमति नहीं होने के बावजूद प्रदर्शन करने के लिए भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को हिरासत में ले लिया गया. भीम आर्मी ने दावा किया कि पुलिस ने आजाद को जामा मस्जिद में हिरासत में लेने की कोशिश की, लेकिन वह बचकर निकल गये. हालांकि, बाद में उन्हें दरियागंज के निकट हिरासत में ले लिया गया.

पुलिस ड्रोनों की मदद से हालात पर कड़ी नजर रख रही है. पुरानी दिल्ली के इलाकों सहित कुछ मेट्रो स्टेशनों के गेट बंद कर दिये गये. नये नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बाहर भी प्रदर्शन हुआ. इसके अलावा शहर के कुछ अन्य इलाकों में भी विरोध प्रदर्शन करने लोग निकले. पुलिस ने उत्तर-पूर्वी जिले में फ्लैग मार्च किया जहां रविवार को प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई थी. संयुक्त पुलिस आयुक्त आलोक कुमार और पुलिस उपायुक्त वेद प्रकाश सूर्य समेत अन्य अधिकारी फ्लैग मार्च में मौजूद थे. पड़ोस के उत्तर प्रदेश में सरकार के आदेश पर लखनऊ और अन्य स्थानों पर मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवा रोक दी गयी है.

कर्नाटक के मंगलुरु में दो लोगों के मारे जाने के मद्देनजर केरल में पुलिस को उत्तरी जिलों में पूरी चौकसी बरतने को कहा गया है. मौत की खबर आने के बाद मध्य रात्रि से ही केरल के विभिन्न हिस्सों में ट्रेनों और बसों को रोकने तथा प्रदर्शन मार्च की खबरें आयी हैं. कोझिकोड के कुछ हिस्सों में प्रदर्शनकारियों ने कर्नाटक आरटीसी की बसों को रोक दिया और मंगलुरु पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ नारेबाजी की. कोझिकोड में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और टायर जलाये. एक समूह ने गृह मंत्री अमित शाह का पुतला फूंका. केरल से तलाप्पडी सीमा के रास्ते मंगलुरु आने वाले लोगों को पुलिस की सख्त जांच प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा है. शहर में प्रवेश के इच्छुक लोगों को सिर्फ आपात मामलों में पहचान पत्र दिखाने पर ही प्रवेश मिल रहा है.

सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को मंगलुरु में हुई हिंसा के बाद लोगों को सलाह दी गयी है कि वे अपने घरों से निकलने से बचें. केरल से ट्रेन से आये कम से कम 50 पुरुषों और महिलाओं को बिना पहचान पत्र मंगलुरु में प्रवेश करने का प्रयास करने पर हिरासत में लिया गया है. सरकारी वेनलॉक अस्पताल में प्रवेश का प्रयास करने वाले मीडियाकर्मियों को भी हिरासत में लिया गया है. अस्पताल में गुरुवार को हुई गोलीबारी में मारे गये लोगों का पोस्टमॉर्टम चल रहा था.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान दो लोगों की मौत के बाद शुक्रवार को लोगों से अपील की कि वे अफवाह फैलाने वाले निहित स्वार्थी तत्वों से बच कर रहें. राज्य सरकार ने गुरुवार रात मंगलुरु सिटी और दक्षिण कन्नड़ जिले क्षेत्रों में अगले 48 घंटे के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद करने का आदेश जारी किया था. संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में पिछले कई दिनों से जारी विरोध प्रदर्शन और शुक्रवार को जुमे की नमाज के मद्देनजर रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है.

पश्चिम बंगाल में स्थिति शांतिपूर्ण है और संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में शुक्रवार को हिंसा की कोई ताजा घटना होने की सूचना नहीं है. शुक्रवार दोपहर एक खास समुदाय के धार्मिक जमावड़े को देखते हुए राज्य के कई हिस्सों में सतर्कता बढ़ा दी गयी. उधर, असम में मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल करने के गुवाहाटी उच्च न्यायालय के गुरुवार के आदेश के खिलाफ प्रदेश सरकार ने पुनर्विचार याचिका दायर की. मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि वह नागरिकता कानून के खिलाफ आंदोलन करने वाले नेताओं से बात करेंगे और वह राज्य के मूल लोगों के अधिकार और सम्मान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं.

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