नयी दिल्ली : निर्भया मामले में चार दोषियों में से तीन ने तिहाड़ जेल अधिकारियों से कहा है कि दया याचिका दायर करने से पहले एक सुधारात्मक याचिका दायर करने का अब भी उनके पास विकल्प है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
पिछले हफ्ते उन्हें एक नोटिस जारी किये जाने पर सौंपे गये जवाब के मुताबिक, दोषियों ने कहा है कि हालांकि उच्चतम न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज कर दी है, लेकिन उनके पास अब भी सुधारात्मक याचिका दायर करने का विकल्प है. सुधारात्मक याचिका किसी दोषी के पास मौजूद अंतिम कानूनी उपाय होता है और इस पर आमतौर पर न्यायाधीश के कक्ष में विचार होता है. अधिकारियों ने 16 दिसंबर 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार-हत्या मामले के दोषियों को एक नोटिस जारी कर सात दिनों के अंदर दया याचिका दायर करने को कहा था. अधिकारियों ने चारों दोषियों को सूचित किया था कि दया याचिका दायर करने के लिए उनके पास सात दिनों का वक्त है.
एक जेल अधिकारी ने कहा, यदि दोषी दिये हुए समय के अंदर दया याचिका दायर नहीं करते हैं तो हम संबंधित अदालत में रिपोर्ट दाखिल करेंगे. गौरतलब है कि 18 दिसंबर को पटियाला हाउस अदालत ने दोषियों के खिलाफ ‘मौत का वारंट’ जारी किये जाने पर सुनवाई सात जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी थी. अदालत ने चारों दोषियों को एक हफ्ते का वक्त देकर यह जानना चाहा था कि क्या वे दया याचिका दायर कर रहे हैं. इसके कुछ ही घंटों पहले उच्चतम न्यायालय ने फांसी की सजा के खिलाफ चौथे दोषी की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी.