नयी दिल्ली : सुरक्षा मामलों पर मंत्रिमंडल समिति ने चीफ आॅफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के सृजन को मंगलवार को मंजूरी प्रदान कर दी जो सरकार के लिए एकल सैन्य सलाहकार के तौर पर काम करेगा. माना जा रहा है कि मौजूदा सेना प्रमुख बिपिन रावत को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनाया जा सकता है, जो 31 दिसंबर को सेना से सेवानिवृत हो रहे हैं. आधिकारिक सूत्रों ने इस आशय की जानकारी दी.
1999 में कारगिल समीक्षा समिति ने सरकार को एकल सैन्य सलाहकार के तौर पर चीफ आॅफ डिफेंस स्टाफ के सृजन का सुझाव दिया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी. बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, सैन्य मामलों के प्रमुख होंगे और वह चार स्टार जनरल होंगे. उनका वेतन सेना प्रमुख के समान होगा. चीफ आॅफ डिफेंस स्टाफ सैन्य मामलों के विभाग के प्रमुख होंगे जिसका सृजन रक्षा मंत्रालय करेगा और वह इसके सचिव के रूप में काम करेंगे. सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट समिति ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के नेतृत्व वाली उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी. इस समिति ने सीडीएस की जिम्मेदारियों और ढांचे को अंतिम रूप दिया था.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को घोषणा की थी कि भारत में तीनों सेना के प्रमुख के रूप में सीडीएस होगा. समझा जाता है कि सरकार अगले कुछ दिनों में पहले सीडीएस की नियुक्ति कर सकती है और सेना प्रमुख विपिन रावत का नाम इस पद के लिए सबसे आगे बताया जा रहा है जो 31 दिसंबर को सेना से सेवानिवृत्त हो रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि सीडीएस अन्य सेना प्रमुखों के समान ही होंगे, हालांकि प्रोटोकाल की सूची में सीडीएस सेना प्रमुखों से ऊपर होंगे.