27 दिसंबर को आखिरी उड़ान भरकर इतिहास बन जायेगा मिग-27, करगिल युद्ध्र में साबित हुआ था ब्रह्मास्त्र

जोधपुर : वायुसेना का फाइटर प्लेन मिग-27 शुक्रवार यानी 27 दिसंबर, 2019 को आखिरी उड़ान भरकर इतिहास बन जायेगा. यह वही फाइटर प्लेन है, जिसने वर्ष 1999 के करगिल युद्ध में भारत के लिए ब्रह्मास्त्र साबित हुआ था. इस युद्ध में इसमें अहम भूमिका निभायी थी और यही वजह है कि पायलट अक्सरहां इसे ‘बहादुर’ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 26, 2019 9:17 PM

जोधपुर : वायुसेना का फाइटर प्लेन मिग-27 शुक्रवार यानी 27 दिसंबर, 2019 को आखिरी उड़ान भरकर इतिहास बन जायेगा. यह वही फाइटर प्लेन है, जिसने वर्ष 1999 के करगिल युद्ध में भारत के लिए ब्रह्मास्त्र साबित हुआ था. इस युद्ध में इसमें अहम भूमिका निभायी थी और यही वजह है कि पायलट अक्सरहां इसे ‘बहादुर’ नाम से बुलाते हैं. मीडिया की खबरों के अनुसार, शुक्रवार को इसके सात एयरक्राफ्ट का स्कॉड्रन जोधपुर एयरबेस से अपनी आखिरी उड़ान भरेगा.

रक्षा प्रवक्ता कर्नल संबित घोष ने कहा कि 27 दिसंबर को सात मिग-27 का स्कॉड्रन जोधपुर एयरबेस से अपनी आखिरी उड़ान भरेगा. सातों प्लेन उसी दिन रिटायर हो जायेंगे. इसके बाद ये प्लेन देश में कहीं भी उड़ान नहीं भर सकेंगे. वायुसेना के एक अधिकारी ने बताया कि जोधपुर में मौजूद मिग-27 का स्कॉड्रन ही आखिरी स्कॉड्रन है.

नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि जोधपुर एयरबेस से रिटायर होते ही मिग-27 न केवल भारत में इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जायेगा, बल्कि पूरी दुनिया में यह इसकी आखिरी उड़ान होगी. इसकी वजह यह है कि अब कोई भी देश मिग-27 का इस्तेमाल नहीं करता है. हालांकि, अभी यह तय नहीं किया गया है कि रिटायर होने के बाद मिग-27 प्लेन का क्या किया जायेगा.

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