दिल्ली में दिसंबर की सर्दी 1901 के बाद दूसरी बार सबसे सर्द, बिहार-झारखंड भी ठिठुरा, जानें आगे कैसा रहेगा मौसम

नयी दिल्ली/ रांची/ पटना : उत्तर भारत में पिछले कुछ दिनों से चल रही शीतलहर की स्थिति अभी कुछ दिन और लोगों को परेशान करेगी. भारतीय मौसम विभाग की मानें तो उत्तर भारत अभी दिसंबर के आखिर तक ठंडी हवाओं की चपेट में रहेगा. राजधानी दिल्ली में इस साल दिसंबर में ठंडी हवाओं का लंबा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2019 11:36 AM

नयी दिल्ली/ रांची/ पटना : उत्तर भारत में पिछले कुछ दिनों से चल रही शीतलहर की स्थिति अभी कुछ दिन और लोगों को परेशान करेगी. भारतीय मौसम विभाग की मानें तो उत्तर भारत अभी दिसंबर के आखिर तक ठंडी हवाओं की चपेट में रहेगा. राजधानी दिल्ली में इस साल दिसंबर में ठंडी हवाओं का लंबा दौर नजर आ रहा है. मौसम विभाग ने जानकारी दी कि पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में ठंडे दिनों का दौर 29 दिसंबर तक बने रहने का अनुमान है.

राजस्थान के कई जिलों में तापमान शून्य से नीचे चला गया है. सीकर में बीती रात तापमान माइनस 3 डिग्री पहुंच गया. शीतलहर की गिरफ्त में आयी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री कम रहा. यहां पारा 4.2 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया. मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि न्यूनतम तापमान 4.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से तीन डिग्री कम है।’ आर्द्रता का स्तर 86 फीसदी रहा. अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में अधिकतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस के इर्दगिर्द बना रह सकता है. मौसम के कारण उत्तर भारत में 21 रेलगाड़ियां अधिकतम छह घंटे की देरी से चल रही हैं.

शुक्रवार सुबह दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक की बात करें तो यह 365 दर्ज किया गया जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है. मौसम विभाग के मुताबिक इस बार 1901 के बाद से अब तक दूसरा सबसे ठंडा दिसंबर का महीना है. अधिकतम तापमान के सामान्य से कम से कम साढ़े चार डिग्री कम रहने पर दिन को ‘ठंडा’ माना जाता है, अधिकतम तापमान के सामान्य से कम से कम साढ़े छह डिग्री कम रहने पर दिन को ‘बेहद ठंडा’ माना जाता है.

मध्‍य प्रदेश और बिहार के कुछ इलाकों में पाला गिरने की आशंका मौसम विभाग ने जतायी है. यही नहीं उत्‍तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, छत्‍तीसगढ़, दिल्‍ली और उत्‍तर राजस्‍थान के कुछ इलाकों में कुछ दिनों तक घना कोहरा नजर आने कर संभावना है. भारतीय मौसम विभाग ने अपने ऑल इंडिया वेदर बुलेटिन में जानकारी दी है कि 30 दिसंबर से पश्चिमी विक्षोभ एकबार फिर सक्रिय होने की संभावना है जिसकी वजह से उत्‍तर-पश्चिम और मध्‍य भारत के कुछ इलाकों में 31 दिसंबर से पहली जनवरी के बीच ओले पड़ सकते हैं.

उत्तर भारत में भारी बर्फबारी का असर झारखंड में भी देखने को मिल रहा है. 25 दिसंबर की देर रात लगभग 21 मिमी वर्षा हुई. सुबह में भी कहीं-कहीं छिटपुट वर्षा हुई, जबकि 26 दिसंबर को दिन भर मौसम खराब रहा. इस कारण लोग घरों में कैद रहे. गुरुवार शाम चार बजे के बाद हल्की-हल्की ठंडी हवा चलने से न्यूनतम तापमान में गिरावट आ गयी. 31 दिसंबर व एक जनवरी को बारिश होने का अनुमान मौसम विभाग ने लगाया गया है. यानी साल के पहले दिन पिकनिक मनाने वालों को मौसम की मार झेलनी पड़ सकती है. 27 दिसंबर को सुबह में घना कोहरा नजर आया लेकिन दिन में मौसम साफ होता जा रहा है. हालांकि न्यूनतम तापमान में तीन से चार डिग्री की कमी दर्ज हुई है. मौसम विभाग ने सुबह में कुहासा रहने की संभावना 28 व 29 दिसंबर को भी जतायी है. वहीं 30 को आकाश में बादल छाये रहने की संभावना है. राजधानी रांची में गुरुवार को अधिकतम तापमान 19.7 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 12.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. वहीं कांके का अधिकतम तापमान 24.6 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 6.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया.

यदि बिहार की बात करें तो पूरा प्रदेश सर्द हवाओं की चपेट में है. इसके कारण से गलन व ठिठुरन काफी बढ़ गयी है. गुरुवार को पूरे प्रदेश में दिन का तापमान सामान्य से औसतन सात डिग्री नीचे चला गया है. महज 24 घंटे में तीन से चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गयी है. पिछले 10 दिनों में अधिकतम तापमान में औसतन 6 डिग्री, जबकि न्यूनतम तापमान में औसतन 5.25 डिग्री सेल्सियस की कमी आयी है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक पूरे प्रदेश में दिन के तापमान में लगातार कमी आ सकती है. अगले 48 घंटे में तापमान 3 से 4 डिग्री सेल्सियस नीचे जाने का पूर्वानुमान है. साथ ही नये साल की शुरुआत से ठीक पहले से लेकर जनवरी के पहले सप्ताह तक हल्की बारिश का पूर्वानुमान है.

वरिष्ठ मौसम विज्ञानी पूषा डॉ ए सत्तार ने बिहार के मौसम को लेकर बतलाया कि आगामी 48 घंटे में तापमान और घटेगा. नये साल पर बारिश की उम्मीद है. पश्चिमी विक्षोभ और जोर पकड़ेगा. उत्तरी मैदान में चल रही ठंडी हवाएं मौसम को और कठिन बनायेंगी. किसानों को पाला के प्रति सतर्क रहना चाहिए.

Next Article

Exit mobile version