प्रकाश करात का दावा- 10 और राज्य NPR का विरोध करें तो यह खत्म हो जायेगा

चेन्नई : माकपा नेता प्रकाश करात ने गुरुवार को कहा कि केरल और पश्चिम बंगाल की तरह 10 और राज्यों के मुख्यमंत्री अपने वादे पर टिके रहे और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का काम रोक दें तो एनपीआर को लेकर केंद्र की योजना ‘दफन’ हो जायेगी. केरल और पश्चिम बंगाल सरकारों द्वारा अपने-अपने राज्यों में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2019 10:29 PM

चेन्नई : माकपा नेता प्रकाश करात ने गुरुवार को कहा कि केरल और पश्चिम बंगाल की तरह 10 और राज्यों के मुख्यमंत्री अपने वादे पर टिके रहे और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का काम रोक दें तो एनपीआर को लेकर केंद्र की योजना ‘दफन’ हो जायेगी.

केरल और पश्चिम बंगाल सरकारों द्वारा अपने-अपने राज्यों में एनपीआर का काम रोकने के आदेश देने का जिक्र करते हुए करात ने कहा, अब तक 12 राज्यों ने घोषणा की है कि वे एनपीआर नहीं होने देंगे. केरल और पश्चिम बंगाल ने जो किया है, दस और मुख्यमंत्रियों को (ऐसा) करना होगा. करात नागरिकता कानून में संशोधन के विरोध में आयोजित एक सेमिनार को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, नरेंद्र मोदी सरकार संविधान पर त्रिशूल प्रहार करने वाली है. पहला नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) है, दूसरा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) है और तीसरा राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) है. तीनों आपस में जुड़े हैं. तीनों एक ही पैकेज के हैं और इन्हें अलग-अलग नहीं किया जा सकता है.

करात ने कहा कि नागरिकता कानून के खिलाफ देश भर में प्रदर्शन के कारण भाजपा सरकार समझ गयी है कि एनआरसी लागू करने में सावधानी बरतनी होगी. उन्होंने कहा यही कारण है कि वे (भाजपा) पैंतरेबाजी कर रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि एनपीआर का एनआरसी से कोई लेना-देना नहीं है.

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