नयी दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून के लिखाफ जारी हंगामे के बाद अब विपक्ष एनपीआर को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को घेरने का काम किया है. डिटेंशन सेंटरों को लेकर भी विपक्ष और सत्ता पक्ष एक-दूसरे के आमने-सामने है.
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने डिटेंशन सेंटर को लेकर केंद्र के आरोप का कड़ा जवाब दिया है. उन्होंने कहा, यूापीए के समय में बने डिटेंशन कैंप का उद्देश्य अलग था और आज ये एनआरसी को लेकर बनाये जा रहे हैं.
गौरतलब हो केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि यूपीए सरकार के समय में असम में डिटेंशन सेंटर खोले गये थे, अब लोगों को गुमराह करने की कोशिश विपक्ष कर रही है.
#WATCH: Congress P Chidambaram when asked,"how does the Congress see the detention camps as different from those that you (Congress) directed to set up?", says,"Detention camps were set under the Foreigners Act not in the context of Citizenship Amendment Act or NRC." pic.twitter.com/L9pinyn9d6
— ANI (@ANI) December 28, 2019
चिदंबरम ने साफ किया कि उनके समय में जो डिटेंशन सेंटर खोले गये थे उसे फॉरेनर्स एक्ट के तहत बनाया गया था. न कि नागरिकता कानून या एनआरसी के संदर्भ में किया गया था.
मालूम हो राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) को अपडेट करने की योजना को लेकर नया राजनीतिक विवाद शुरू हो गया और भाजपा ने विपक्ष पर मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के बारे में दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया.
वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी का एजेंडा दुर्भावनापूर्ण है. प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों ने एक दूसरे पर हमला बोला और भाजपा ने एनपीआर को अद्यतन बनाने तथा प्रस्तावित एनआरसी के बीच कोई संबंध नहीं होने पर जोर दिया.
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर सीएए के संबंध में भ्रम फैलाने और जनता को गुमराह कर राष्ट्रीय राजधानी का माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया. शाह ने कहा कि ‘टुकड़े टुकड़े गैंग’ को पराजित करने का वक्त आ गया है.