नयी दिल्ली: यूपी के मेरठ जिले के एसपी सिटी अखिलेश नारायण के वायरल वीडियो पर मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. विपक्ष ने जहां इसको मुद्दा बनाया हुआ है और लगातार एसपी सहित राज्य सरकार से माफी मांगने की मांग कर रहा है वहीं यूपी बीजेपी के कई सारे नेता इसका बचाव कर रहे हैं. इसी बीच इस पूरे मसले में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का बयान सामने आ गया है. दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए नकवी ने अपनी प्रतिक्रिया दी.
मुख्तार अब्बास नकवी ने कार्रवाई की बात कही
पत्रकारों से बातचीत में मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि अगर ये (सिटी एसपी का बयान) सच है तो उन्होंने वीडियो में जो बयान दिया वो निंदनीय है. मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए. इसी के साथ मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि किसी भी स्तर पर हिंसा, चाहे वो पुलिस द्वारा हो या भीड़ द्वारा, अस्वीकार्य है. उन्होंने कहा कि हिंसा लोकतांत्रिक देश का हिस्सा नहीं हो सकता. पुलिस को ध्यान रखना चाहिए कि जो निर्दोष हैं वो पीड़ित ना हों.
Union Minister Mukhtar Abbas Naqvi: Violence at any level, be it by police or by mob, it is unacceptable. It can't be a part of a democratic country. Police should take care that those who are innocent should not suffer. (28.12.2019) https://t.co/Yt37egsZqJ
— ANI (@ANI) December 29, 2019
मेरठ के एसपी सिटी का वीडियो हुआ वायरल
बता दें कि कुछ दिनों से मेरठ के सिटी एसपी अखिलेश नारायण का एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो नागरिकता कानून के विरोध प्रदर्शन से संबंधित है. वीडियो में अखिलेश नारायण एक विशेष समुदाय के लोगों से पाकिस्तान जाने को कहते हुए सुने जा सकते हैं. वायरल वीडियो पर सफाई देते हुए एसपी सिटी अखिलेश नारायण का कहना है कि वहां जिस प्रकार की नारेबाजी की जा रही थी, उसी संदर्भ में मैंने ये बयान दिया था. वहीं मेरठ के आईजी ने भी उनके इस बयान का समर्थन किया था. बीजेपी के कई नेताओं ने भी इसका बचाव किया था.
विपक्ष ने एसपी के बयान का विरोध किया है
वहीं विपक्ष ने एसपी सिटी के बयान को मुद्दा बना लिया है. इस मसले को लेकर विपक्ष यूपी और केंद्र की बीजेपी सरकार पर लगातार हमलावर है. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी इस बयान को आपत्तिजनक और निंदनीय बताते हुए कार्रवाई की मांग की थी. बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इस बयान की निंदा करते हुए कार्रवाई की मांग की थी. हैदराबाद से एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी इसको आपत्तिजनक बताया था.