अजित पवार चौथी बार बने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री

मुंबई : राकांपा नेता अजित पवार ने सोमवार को चौथी बार महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इससे पहले का उनका कार्यकाल महज तीन दिन का रहा था. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के खिलाफ बगावत करते हुए भाजपा से हाथ मिलाकर उन्होंने 23 नवंबर की सुबह शपथ लेकर सबको हैरान कर दिया था. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2019 9:31 PM

मुंबई : राकांपा नेता अजित पवार ने सोमवार को चौथी बार महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इससे पहले का उनका कार्यकाल महज तीन दिन का रहा था.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के खिलाफ बगावत करते हुए भाजपा से हाथ मिलाकर उन्होंने 23 नवंबर की सुबह शपथ लेकर सबको हैरान कर दिया था. लेकिन, 26 नवंबर को उनके इस्तीफे के बाद देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार गिर गयी. महाराष्ट्र में 1999-2014 के दौरान कांग्रेस-राकांपा गठबंधन के 15 साल के कार्यकाल में पवार दो बार उप मुख्यमंत्री रहे. अपने चाचा और राकांपा प्रमुख शरद पवार के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्रवाई का हवाला देते हुए दो महीने पहले जब अजित ने राजनीति छोड़ने की घोषणा की तो उनकी ही पार्टी के कुछ लोगों ने कहा कि वह दिग्गज नेता की छाया से बाहर निकलना चाहते हैं. इस धारणा को पिछले महीने एक बार तब बल मिला जब अजित पवार ने महाराष्ट्र का उप मुख्यमंत्री बनने के लिए भगवा पार्टी से हाथ मिला लिया.

राकांपा सूत्रों ने कहा कि सख्त प्रशासक और पुणे जिले के बारामती में लोकप्रिय पवार अलग रुख अपनाने से भी नहीं हिचकिचाते हैं. प्यार से ‘दादा’ पुकारे जाने वाले अजित, शरद पवार की छत्रछाया में अस्सी के दशक में ही राजनीति का गुर सीखने लगे. इसके बाद 1991 में बारामती विधानसभा सीट पर उपचुनाव में जीत के साथ वह चुनावी राजनीति में आ गये और उसके बाद लगातार सात बार जीत के साथ इस सीट को विपक्ष के लिए दुर्जेय किला बना दिया. इस बार 21 अक्तूबर को हुए विधानसभा चुनाव में 1.65 लाख वोटों के भारी अंतर से जीत के साथ उन्होंने निर्वाचन क्षेत्र में अपने दबदबे की फिर से पुष्टि की.

अजित पवार पहली बार जून 1991 में मंत्री बनाये गये, जब सुधाकरराव नाइक मुख्यमंत्री थे. तीन दशक के अपने राजनीतिक सफर के दौरान उन्होंने कृषि, जल संसाधन, सिंचाई और बिजली और योजना जैसे महकमे की जिम्मेदारी संभाली. पहली बार वह नवंबर 2010 में राज्य के उप मुख्यमंत्री बने. उन्हें कथित सिंचाई घोटाला मामले में आरोपों का भी सामना करना पड़ा और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज धनशोधन के मामले में भी उनका नाम आया. अहमदनगर जिले में 22 जुलाई 1959 को किसान परिवार में जन्मे अजित ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री प्रद्मसिंह पाटिल की बहन सुनेत्रा से शादी की. दंपती को दो बेटे पार्थ और जय हैं. पार्थ इस साल पुणे जिले में मावल सीट से चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली. अजित पवार की चचेरी बहन सुप्रिया सुले लोकसभा में बारामती से सांसद हैं और भतीजे रोहित अहमदनगर में करजात-जामखेड से विधायक हैं.

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