अब चांद को चूमेगा चंद्रयान-3, 2021 में होगा लांच, गगनयान के लिए चार अंतरिक्ष यात्री तैयार

बेंगलुरु : नये साल के मौके पर बुधवार को इसरो चीफ के सिवन ने देशवासियों के समक्ष 2020 के लक्ष्य और योजनाएं पेश कीं. साल 2020 में गगनयान व चंद्रयान-3 मिशन की तैयारियों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि महत्वाकांक्षी गगनयान कार्यक्रम के लिए भी चार अंतरिक्ष यात्रियों को चयनित किया गया है़ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 2, 2020 4:35 AM

बेंगलुरु : नये साल के मौके पर बुधवार को इसरो चीफ के सिवन ने देशवासियों के समक्ष 2020 के लक्ष्य और योजनाएं पेश कीं. साल 2020 में गगनयान व चंद्रयान-3 मिशन की तैयारियों के बारे में जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि महत्वाकांक्षी गगनयान कार्यक्रम के लिए भी चार अंतरिक्ष यात्रियों को चयनित किया गया है़ सिवन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि तीसरे चंद्रयान मिशन से संबंधित सभी गतिविधियां सुचारु रूप से चल रही हैं. चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण 2021 तक किया जा सकता है. चंद्रयान-3 व मिशन गगनयान, दोनों का काम एक साथ चल रहा है.
गगनयान मानव को अंतरिक्ष में ले जाने का भारत का पहला अभियान है. भविष्य के अभियानों पर इसरो प्रमुख के सिवन ने कहा कि 2020 के लिए हमारे पास 25 योजनाएं हैं. उन्होंने कहा कि 2019 में अधूरे मिशन की योजना बनायी गयी थी. उसे पूरा नहीं किया जा सका, उसे इस साल मार्च तक पूरा किया जायेगा. अंतरिक्ष विज्ञान के जरिये हमारी कोशिश देशवासियों के जीवन को और बेहतर बनाने की है.
दूसरा स्पेस पोर्ट तूतीकोरिन में शीघ्र
देश के दूसरे स्पेस पोर्ट के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू कर दिया गया है. दूसरा पोर्ट तमिलनाडु के तूतीकोरिन में होगा. आगामी एक दशक में इसरो के पिटारे में मंगल से लेकर शनि ग्रह तक के लिए कई महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट हैं जिन पर तेजी से काम चल रहा है.
इसरो ने गिनायीं उपलब्धियां और बताया 2020 का टारगेट
चंद्रयान-3 मिशन पर 250 करोड़ का खर्च
चंद्रयान-3 प्रोजेक्ट को न सिर्फ मंजूरी मिली है, बल्कि इस पर काम भी शुरू हो चुका है. इसका कॉन्फिगरेशन चंद्रयान-2 की तरह ही होगा. इसमें भी लैंडर व रोवर होगा. इस पर 250 करोड़ रुपये का खर्च आयेगा. इसका प्रक्षेपण अगले साल के प्रारंभ में होने की उम्मीद है.
चंद्रयान-3 में भी होगा लैंडर और रोवर
चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर का जीवनकाल सात साल होने का उल्लेख करते हुए सिवन ने कहा कि तीसरे चंद्र मिशन के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जायेगा. चंद्रयान-दो के विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिग में दिक्कत के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह वेग में कमी से जुड़ी विफलता थी.
अंतरिक्षयात्रियों को रूस में ट्रेनिंग
गगनयान मिशन के लिए वायुसेना से चार अंतरिक्ष यात्रियों की पहचान कर ली गयी है. जनवरी के तीसरे हफ्ते से उन्हें रूस में ट्रेनिंग दी जायेगी. गगनयान के लिए नेशनल एडवाइजरी कमिटी बनायी गयी है. इसरो चीफ ने बताया कि 2019 में गगनयान मिशन पर हमने अच्छी प्रगति हासिल की है.

Next Article

Exit mobile version