बेंगलुरू: अंतरिक्ष में हासिल सफलता को समुद्र की गहराईयों में दोहराएं वैज्ञानिक- पीएम मोदी

बेंगलुरु: प्रधानमंत्री के दो दिवसीय कर्नाटक दौरे का आज आखिरी दिन है. पीएम मोदी आज बेंगलुरू में हैं जहां उन्होंने भारतीय विज्ञान कांग्रेस के 107वें सत्र को संबोधित किया. कार्यक्रम में वरिष्ठ वैज्ञानिक, युवा शोधकर्ता और नवोन्मेष से जुड़े लोग शामिल हुए. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि नए साल और नए दशक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 3, 2020 11:42 AM

बेंगलुरु: प्रधानमंत्री के दो दिवसीय कर्नाटक दौरे का आज आखिरी दिन है. पीएम मोदी आज बेंगलुरू में हैं जहां उन्होंने भारतीय विज्ञान कांग्रेस के 107वें सत्र को संबोधित किया. कार्यक्रम में वरिष्ठ वैज्ञानिक, युवा शोधकर्ता और नवोन्मेष से जुड़े लोग शामिल हुए.

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि नए साल और नए दशक की शुरुआत में मेरा पहला कार्यक्रम विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार से जुड़ा हुआ है. मुझे इसमें शामिल होकर बेहद खुशी हुई. उन्होंने कहा कि खास बात ये भी है कि कार्यक्रम बेंगलुरु में हो रहा है जो विज्ञान और नवाचार से जुड़ा हुआ शहर है.

विज्ञान में सरकार की उपलब्धि गिनाईं

पीएम मोदी ने कहा कि जब हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संचालित विकास की सकारात्मकता और आशावाद के साथ नववर्ष 2020 की शुरुआत करते हैं तो इसका मतलब है कि हम अपने सपने को पूरा करने की दिशा में एक और नया कदम बढ़ाते हैं. उन्होंने कहा कि, मुझे ये जानकर बहुत खुशी हुई कि भारत ने अपने रैंकिंग में सुधार करते हुए इनोवेशन इंडेस्क में 52वां स्थान हासिल किया है.

पीएम मोदी ने कहा कि हमारी योजनाओं की बदौलत पिछले 50 साल की तुलना में बीते 5 सालों में अधिक प्रौद्योगिक व्यवसाय इन्क्यूबेटरों का निर्माण हुआ है. उन्होंने कहा कि इन उपलब्धियों के लिए मैं हमारे वैज्ञानिकों को बधाई देता हूं.

समुद्री खोजों के लिए किया प्रेरित

पीएम मोदी ने कहा कि अंतरिक्ष में हासिल की गयी हमारी सफलता अब समुद्र की गहराई में भी दिखाई देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें पानी, ऊर्जा, भोजन और खनिजों के विशाल समुद्री संसाधनों का पता लगाने, उनका मानचित्र बनाने और जिम्मेदारी से सतत पोषणीय विकास की भावना पर आधारित संसाधनों के दोहन की आवश्यक्ता है.

बता दें कि पीएम मोदी ने इससे पहले गुरुवार को कर्नाटक में डीआरडीओ के पांच युवा वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं को राष्ट्र को समर्पित किया था. ये प्रयोगशालाएं देश के विभिन्न हिस्सों में मौजूद है जहां युवा वैज्ञानिक अपने शोध और आविष्कारों को नया आयाम दे सकेंगे.

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