केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह बोले – CAA जम्मू-कश्मीर सहित पूरे देश में लागू, अब रोहिंग्या को करेंगे बाहर
जम्मूः केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह मे कहा कि नागरिक संशोधन कानून (CAA ) बनते ही जम्मू-कश्मीर सहित पूरे देश में प्रभावी हो गया है. इसके बाद अब अगली कार्रवाई जम्मू-कश्मीर में अवैध रूप से बसे रोहिंग्याओं को बाहर निकालने की होगी. उन्होंने कहा कि रोहिंग्या को जम्मू-कश्मीर से जाना होगा और हम उनके निर्वासन को […]
जम्मूः केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह मे कहा कि नागरिक संशोधन कानून (CAA ) बनते ही जम्मू-कश्मीर सहित पूरे देश में प्रभावी हो गया है. इसके बाद अब अगली कार्रवाई जम्मू-कश्मीर में अवैध रूप से बसे रोहिंग्याओं को बाहर निकालने की होगी. उन्होंने कहा कि रोहिंग्या को जम्मू-कश्मीर से जाना होगा और हम उनके निर्वासन को लेकर पूरी तैयारी करेंगे.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रोहिंग्या जम्मू-कश्मीर में कैसे आ गए. ऐसा क्यों किया गया. क्या उन्हें जम्मू में जम्मू की जनसांख्यिकी बदलने के मकसद से लाया गया था? इन सबकी जांच होनी चाहिए. केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू में वित्तीय नियमों पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन करने के बाद ये बातें कहीं.
Union Minister Jitendra Singh in Jammu: The #CAA is applicable across the country including in J&K. By implication what will happen here is that next move will be in relation to the Rohingyas. Unko jana hi hoga, details being worked out. This act doesn't give them leverage (3.1) pic.twitter.com/ZfFpw9hNng
— ANI (@ANI) January 4, 2020
जीतेंद्र सिंह ने कहा कि जिस दिन संसद में सीएए कानून पारित हो गया उसी दिन जम्मू और कश्मीर में यह लागू भी हो गया. जम्मू-कश्मीर में सीएए को लागू करने को लेकर कोई अगर-मगर नहीं है. अब यहां पर अगला कदम रोहिंग्या शरणार्थियों के निर्वासन को लेकर होगा. इसके साथ उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के हितों के संरक्षण के लिए डोमिसाइल भी होगा और विधानसभा सीटों का परिसीमन भी. जम्मू-कश्मीर तेज विकास का मॉडल बनेगा और यहां पर प्रधानमंत्री व डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) के दिशा-निर्देश पर काम होगा.
उन्होंने सवाल किया कि रोहिंग्या शरणार्थी बंगाल की खाड़ी से इतनी दूर जम्मू में क्यों बसे? इस मामले की जांच पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि क्या यह वोट बैंक की राजनीति के तहत हुआ या फिर जनसांख्यिकीय स्वरूप बदलने की साजिश के तहत हुआ. यह पता चलना जरूरी है कि रोहिंग्याओं को यहां आने के लिए ट्रेन की टिकट किसने दी. उन्हें कैसे निकाला जाएगा, केंद्र इस पर काम कर रहा है.