नगालैंड में AFSPA के विस्तार पर कई संगठनों, अधिकारियों, विपक्ष ने नाराजगी जतायी

कोहिमाः नगालैंड में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम(AFSpA), 1958 को और छह महीने तक लागू रखने के फैसले पर राज्य के विभिन्न नगा नागरिक समाज समूहों, राज्य सरकार के अधिकारियों और विपक्षी दलों ने नाराजगी जताई है. केंद्र ने पिछले साल 30 दिसंबर को एक अधिसूचना जारी कर नगालैंड में इस कानून की अवधि को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 4, 2020 12:40 PM

कोहिमाः नगालैंड में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम(AFSpA), 1958 को और छह महीने तक लागू रखने के फैसले पर राज्य के विभिन्न नगा नागरिक समाज समूहों, राज्य सरकार के अधिकारियों और विपक्षी दलों ने नाराजगी जताई है. केंद्र ने पिछले साल 30 दिसंबर को एक अधिसूचना जारी कर नगालैंड में इस कानून की अवधि को बढ़ाकर जुलाई-अंत तक कर दिया.

यह अधिनियम सुरक्षा बलों को कहीं भी अभियान चलाने और किसी को भी बिना किसी पूर्व सूचना के गिरफ्तार करने का अधिकार देता है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अधिसूचना में कहा है कि केंद्र सरकार ने पाया है कि नगालैंड का पूरा क्षेत्र फिलहाल अशांत और खतरनाक स्थिति में है, इसलिए सरकार की सहायता के लिए सशस्त्र बलों के इस्तेमाल की आवश्यकता है.

हालांकि, राज्य सरकार के अधिकारियों, विपक्ष और नगा होहो, नगा मदर्स एसोसिएशन (एनएमए), नगा छात्र संघ (एनएसएफ) और नगालैंड आदिवासी परिषद (एनटीसी) जैसे संगठनों ने इस कदम पर नाराजगी जतायी है.

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