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महाराष्ट्रः उद्धव सरकार में विभागों का बंटवारा, डिप्टी सीएम अजित पवार और आदित्य ठाकरे को मिला ये मंत्रालय

मुंबईः लंबे इंतजार के बाद महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विभागों का बंटवारा कर दिया है. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा प्रस्तावित विभागों के आवंटन को मंजूरी दे दी है. राजभवन के प्रवक्ता ने रविवार को यह जानकारी दी. सरकार बनने और मंत्रिमंडल विस्तार के बाद महा अघाड़ी के तीनों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 5, 2020 10:06 AM
मुंबईः लंबे इंतजार के बाद महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विभागों का बंटवारा कर दिया है. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा प्रस्तावित विभागों के आवंटन को मंजूरी दे दी है. राजभवन के प्रवक्ता ने रविवार को यह जानकारी दी. सरकार बनने और मंत्रिमंडल विस्तार के बाद महा अघाड़ी के तीनों दलों के बीच लंबी बातचीत के बाद सरकार के विभाग बांटे गए हैं डिप्टी सीएम अजित पवार को वित्त मंत्रालय सौंपा गया है.
इसके अलावा एनसीपी के अनिल देशमुख को गृह मंत्री बनाया गया है.शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे को शहरी विकास मंत्रालय मिला है. वहीं कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट को राजस्व विभाग सौंपा गया है. अशोक चव्हाण को पीड्बलूडी मंत्री बनाया गया है. इसके अलावा शिवसेना के नेता और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को पर्यटन और पर्यावरण मंत्रालय दिया गया है.
गौरतलब है कि राज्य में विपक्षी भाजपा एक महीने से अधिक समय से सत्ता में होने के बावजूद विभागों के आवंटन में देरी के लिए महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार को निशाना बना रही थी. शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के दो-दो सदस्यों के साथ मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 28 नवम्बर को शपथ ली थी. इसके बाद 30 दिसंबर को मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया था.
कई लोग हुए नाराज
विभागों के इस बंटवारे से शिवसेना विधायक खुश नहीं हैं. करीब दर्जनभर शिवसेना विधायक मंत्रिमंडल पद नहीं मिलने से नाराज हैं. वहीं, कई विधायकों ने कम ओहदे के कारण आपत्ति जताई है. दरअसल, शिवसेना के कुल 14 मंत्री बनाए गए हैं. पूर्व सरकार में मंत्री रहे शिवसेना नेता दिवाकर रावते, रामदास कदम, रवींद्र वायकर, दीपक केसरकर को भी इस बार मौका नहीं मिला है.
इस वजह से इनकी नाराजगी भी देखी जा रही है. शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत भी नाराज बताए जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि उनके विधायक भाई सुनील राउत भी मंत्री पद की रेस में थे. पर, तीनों पार्टियों के बीच बंटवारे में उन्हें भी मौका हाथ नहीं लग पाया.

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