CAA पर समर्थन जुटाने घर-घर पहुंचे भाजपा के मंत्री, अमित शाह ने की अगुवाई
नयी दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी ने संशोधित नागरिकता कानून के समर्थन में रविवार को 10 दिन का राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया. इस कानून के खिलाफ देश भर में जारी जबर्दस्त प्रदर्शनों को देखते हुए पार्टी ने यह कदम उठाया है. अभियान के तहत पार्टी के सदस्य घर-घर जाकर लोगों को इस कानून के प्रति […]
नयी दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी ने संशोधित नागरिकता कानून के समर्थन में रविवार को 10 दिन का राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया. इस कानून के खिलाफ देश भर में जारी जबर्दस्त प्रदर्शनों को देखते हुए पार्टी ने यह कदम उठाया है.
अभियान के तहत पार्टी के सदस्य घर-घर जाकर लोगों को इस कानून के प्रति जागरूक बनाने का प्रयास करेंगे. रविवार से शुरू हुए 10 दिवसीय जागरूकता अभियान के तहत अपने-अपने क्षेत्र में विभिन्न मंत्रियों और नेताओं ने घर-घर जाकर लोगों से संपर्क किया. अभियान की अगुवाई नयी दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने की. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संशोधित नागरिकता कानून को लेकर भ्रम मिटाने के मकसद से गोरखपुर में मुस्लिम समुदाय के सदस्यों से मुलाकात की और कहा कि यह कदम प्रताड़ित लोगों को शरण देने की भारतीय परंपरा के अनुरूप है. वहीं, प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी मुरादाबाद में इसी तरह का अभियान चलाया और विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि वे इस कानून को लेकर लोगों को भ्रमित करने और राज्य में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.
पूर्वी उत्तर प्रदेश के अपने गढ़ गोरखपुर में योगी, हाजी चौधरी कैफ-उल-वारा की दुकान गये और उन्हें कानून पर एक पुस्तिका सौंपी. उन्होंने कहा कि इसका मकसद प्रताड़ित लोगों को नागरिकता देना है. उन्होंने कैफ-उल-वारा से कहा, यह पुस्तिका सीएए के बारे में है, इसे पढ़ें और आपके सारे शक दूर हो जायेंगे. मैंने जागरूकता अभियान यहां से शुरू करने का विचार बनाया. कैफ-उल-वारा ने सीएए के बारे में जागरूकता फैलाने का वादा किया और मुख्यमंत्री से उन लोगों को रिहा करने का अनुरोध किया जिनकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है और जिन्हें 20 दिसंबर को गोरखपुर में सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए गिरफ्तार किया गया था.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पंचकूला में ‘संपर्क अभियान’ की शुरुआत करने के बाद आरोप लगाया कि कुछ विपक्षी पार्टियां कानून के प्रावधानों को समझे बिना देश के लोगों को गलत सूचनाएं दे रही हैं. उन्होंने कहा कि मुस्लिमों के बीच यह दुष्प्रचार किया जा रहा है कि यह कानून नागरिकता लेने के बारे में है, बल्कि असल में यह नागरिकता देने के बारे में है. मुख्यमंत्री ने लोगों से सतर्क रहने और इन अफवाहों का शिकार नहीं होने की अपील की. उन्होंने लोगों से मानवता के हित में इस कानून पर विचार करने को कहा. साथ ही खट्टर ने लाहौर में ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर किये गये भीड़ के हमले की भी निंदा की और कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे देशों के खिलाफ प्रदर्शन किये जायेंगे ताकि वहां रह रहे अल्पसंख्यकों के अधिकार संरक्षित किए जा सकें.
केरल में इस अभियान की शुरुआत करते हुए केंद्रीय मंत्री किरण रिजीजू ने उम्मीद जतायी कि उच्च साक्षरता दर वाले राज्य के लोग देश के सामाजिक ताने-बाने को बर्बाद करने वालों से भ्रमित नहीं होंगे. अभियान के तहत खेल मंत्री, मलयालम लेखक एवं केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता जॉर्ज ओनाक्कूर समेत कई प्रमुख नागरिकों के घर पहुंचे. सबसे पहले ओनाक्कूर के घर पहुंचकर उन्होंने लेखक को विवादित कानून पर केंद्र एवं भाजपा का पक्ष समझाने की कोशिश की. हालांकि, ओनाक्कूर ने कहा कि इस कानून के दायरे से किसी एक धर्म के लोगों को बाहर रखा जाना उचित नहीं है.
रिजीजू ने जवाब दिया कि यह कानून किसी खास धर्म के खिलाफ नहीं है और कहा कि इससे पहले राजग सरकार ने गायक अदनान सामी जैसे अच्छे मुस्लिमों को नागरिकता दी है. मंत्री ने कहा, अच्छे मुस्लिमों से हमारा मतलब उनसे है जो अपराधी नहीं हैं. ओनाक्कूर ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि देश की सुरक्षा के लिए नागरिकता देने के संबंध में सख्त कानूनों की जरूरत है. उन्होंने कहा, लेकिन हम छह धर्म चुनकर और किसी एक धर्म को कानून से बाहर रख कर यह नहीं कर सकते. यह समाज में किसी को अलग-थलग किये जाने का अहसास कराता है. लेखक के विचारों के बारे में पूछे जाने पर रिजीजू ने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को अपनी राय रखने का अधिकार है.
वहीं तेलंगाना में, केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि सीएए देश के किसी मुस्लिम को प्रभावित नहीं करेगा. साथ ही उन्होंने कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों पर मुस्लिम समुदाय के बीच उन्माद पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया. हैदराबाद में गृह संपर्क अभियान कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार सभी की भलाई के लिए यह कानून लायी है और किसी भी भारतीय मुस्लिम को देश छोड़कर नहीं जाने को कहा जायेगा. गृह राज्य मंत्री ने कहा कि किसी भी मुस्लिम को इससे डरने की जरूरत नहीं है.