-जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय हिंसा के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) ने कुलपति सहित विश्वविद्यालय प्रशासन को सोमवार को बैठक के लिए बुलाया. मंत्रालय ने रविवार को जेएनयू रजिस्टार प्रमोद कुमार से छात्रों और शिक्षकों पर हुए हमले के संबंध में तत्काल रिपोर्ट देने को कहा था. जेएनयू के कुलपति एम. जगदीश कुमार ने बताया कि पूरे घटनाक्रम की विस्तृत रिपोर्ट एचआरडी मंत्रालय को भेज दी गई है. मौजूदा स्थिति की विस्तृत जानकारी देने के लिए प्रशासन के शीर्ष अधिकारी मंत्रालय में मौजूद हैं.
– जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के साबरमती छात्रावास के दोनों वार्डन ने सोमवार को कथित रूप से इस्तीफा दे दिया. इस्तीफे में वार्डन ने कहा कि उन्होंने यह कदम नैतिक आधार पर उठाया है क्योंकि वे हॉस्टल में रहने वालों को सुरक्षा नहीं दे पाए. वार्डन रामावतार मीणा और प्रकाश चंद्र साहू के करीबी सूत्रों ने बताया कि जब वह हॉस्टल पहुंचे तो छात्रों के एक समूह ने उन्हें घेर लिया और उन पर सुरक्षा नहीं देने का आरोप लगाया. सूत्रों ने दावा किया कि छात्रों ने दोनों वार्डन से इस्तीफा पत्रों पर जबरन हस्ताक्षर करवाए
– एचआरडी मंत्रालय ने जेएनयू में हुई हिंसा के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन को बैठक के लिए बुलाया. बताया जा रहा है कि बैठक में जेएनयू के रजिस्ट्रार और प्रॉक्टर वीसी शामिल हैं.
– गृह मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि जेएनयू के रजिस्ट्रार, प्रॉक्टर वीसी ने दिल्ली के उपराज्यपाल से भेंट की, उन्हें स्थिति से अवगत कराया गया. उन्होंने बताया कि जेएनयू हिंसा मामला दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को सौंपा गया. पुलिस छात्रों से बात करेगी. साथ साक्ष्य जुटाने के कार्य शुरू कर दिए गए हैं.
नयी दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में रविवार शाम हुई हिंसा मामले में अपनी तरफ से मामला दर्ज कर लिया है. पुलिस ने दंगा करने और पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने का मुकदमा दर्ज किया है. जेएनयू प्रशासन ने कल हुए दंगे को लेकर अभी तक पुलिस प्रशासन को कोई शिकायत मुकदमा दर्ज करने के लिए नहीं दी है.
पुलिस मामले की जांच कर रही है कि अंदर कैंपस में जो लोग आए थे वह अंदर के लोग ही थे या बाहर के फिलहाल एक मुकदमा दर्ज हुआ है. दिल्ली पुलिस को इस मामले में कई शिकायतें मिली थीं, जिन्हें कल्ब करके एक केस बनाया गया है. पुलिस ने पुलिस का दावा है कि कुछ नकाबपोश हमलावरों की पहचान भी कर ली है. पूरे मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है. पुलिस ने जेएनयू प्रशासन ने सीसीटीवी फुटेज मांगे हैं.
वहीं, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस के जनसम्पर्क अधिकारी (पीआरओ) एम. एस. रंधावा ने छात्रों और शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की. बता दें कि जेएनयू परिसर में रविवार रात उस वक्त हिंसा भड़क गयी थी जब लाठियों से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला कर दिया था और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था जिसके बाद प्रशासन को पुलिस को बुलाना पड़ा था.
इस हमले में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष सहित दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए. घायलों को हॉस्पिटल से अब डिस्चार्ज किए जा रहे हैं.
जेएनयू टीचर संघ ने विश्वविद्यालय में हिंसा की कड़ी निंदा की है. छात्रों के उकसावे से दूर रहने की अपील की है. संघ ने जेएनयू समुदाय से लोकतांत्रिक तरीके से असहमति दिखाने और शांति की अपील की है.जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार ने कहा: सभी छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं.
मायावती ने की न्यायिक जांच की मांग
बीएसपी चीफ मायावती ने जेएनयू हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए इसकी न्यायिक जांच की मांग की है. मायावती ने ट्वीट कर कहा, जेएनयू में छात्रों एवं शिक्षकों के साथ हुई हिंसा अति-निंदनीय एवं शर्मनाक. केंद्र सरकार को इस घटना को अति-गंभीरता से लेना चाहिए. साथ ही इस घटना की न्यायिक जांच हो जाए तो यह बेहतर होगा.