JNU मामले में कांग्रेस ने कहा- पीड़ितों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करना मोदी सरकार में परंपरा बना

नयी दिल्लीः जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हिंसा के बाद छात्र नेता आईशी घोष के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने को लेकर कांग्रेस ने बुधवार को सरकार पर निशाना साधा. साथ ही आरोप लगाया कि इस सरकार में पीड़ितों के खिलाफ मामले दर्ज होने की परंपरा बन गई है. पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 8, 2020 2:50 PM
नयी दिल्लीः जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हिंसा के बाद छात्र नेता आईशी घोष के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने को लेकर कांग्रेस ने बुधवार को सरकार पर निशाना साधा. साथ ही आरोप लगाया कि इस सरकार में पीड़ितों के खिलाफ मामले दर्ज होने की परंपरा बन गई है. पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा कि कई विश्वविद्यालयों में माहौल खराब किया जा रहा है. टुकड़े-टुकड़े गैंग जैसा शब्द दिया जाता है और मीडिया में बैठे भाजपा के कुछ पन्ना प्रमुख यह शब्द चला देते हैं.
सरकार का काम नफरत कम करना और लोगों को आपस में जोड़ना है. यह पहली सरकार है जो मतभेदों को बढ़ाना और नए मतभेद करना चाहती है. उन्होंने सवाल किया कि गृह मंत्री टुकड़े-टुकड़े गैंग शब्द का इस्तेमाल करते हैं. आप क्या संदेश देना चाहते हैं? देश की क्या छवि बन रही है? खेड़ा ने आरोप लगाया कि इस सरकार में यह एक परंपरा बन गई है कि पीड़ितों के खिलाफ मामला दर्ज होता है.
उन्नाव की पीड़िता हो, पहलू खान हो या फिर आईशी घोष हो अथवा कोई दूसरा पीड़ित हो, उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होती है लेकिन अपराधियों के खिलाफ मामले दर्ज नहीं होते. ‘भारत बंद’ का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के पास कुछ उद्योगपतियों के साथ फोटों खिंचवाने का समय है, लेकिन करोड़ों भारतीयों के प्रतिनिधियों से मिलने का समय नहीं है.
कांग्रेस प्रवक्ता ने दावा किया कि नयी नौकरियां तो छोड़िए वर्तमान की नौकरियां भी जा रही हैं. ये मजदूर संगठन विनिवेश के फैसलों को लेकर सवाल कर रहे हैं. लोग एफडीआई से जुड़े निर्णयों को लेकर भी सरकार से जवाब मांग रहे हैं. सरकार माने या नहीं माने, लेकिन अर्थव्यवस्था गंभीर संकट में है.

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