JNU प्रकरण : भाजपा का कांग्रेस पर पलटवार- सच्चाई बाहर आयेगी और बेनकाब होंगे नकाबपोश

नयी दिल्ली : जेएनयू प्रकरण के पीछे मानव संसाधन विकास मंत्री और गृह मंत्री का हाथ होने के कांग्रेस के आरोप पर पलटवार करते हुए भाजपा ने बृहस्पतिवार को कहा कि यह ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’ जैसी बात है. भगवा पार्टी ने कहा कि बार-बार झूठ बोलकर सच्चाई छिपायी नहीं जा सकती और पुलिस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2020 10:49 PM

नयी दिल्ली : जेएनयू प्रकरण के पीछे मानव संसाधन विकास मंत्री और गृह मंत्री का हाथ होने के कांग्रेस के आरोप पर पलटवार करते हुए भाजपा ने बृहस्पतिवार को कहा कि यह ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’ जैसी बात है. भगवा पार्टी ने कहा कि बार-बार झूठ बोलकर सच्चाई छिपायी नहीं जा सकती और पुलिस जांच में सब सच्चाई बाहर आयेगी एवं नकाबपोश बेनकाब होंगे.

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा, कांग्रेस के नेताओं का यह कहना कि जेएनयू में हिंसा सरकार एवं मानव संसाधन विकास मंत्री द्वारा प्रायोजित है, उल्टा चोर कोतवाल को डांटे जैसा है. उन्होंने आरोप लगाया कि नकाब पहनकर 2 तारीख को और फिर 5 तारीख को भी सर्वर रूम तोड़ा गया. यह जो काम हुआ है, काम करे कोई और शोर करे कोई जैसा है. जावड़ेकर ने कहा, यह उल्टा चोर कोतवाल को डांटे जैसी बात है. यही कांग्रेस की आज प्रेस कांफ्रेंस दर्शाती है.

गौरतलब है कि कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया, जेएनयू की घटना के पीछे मानव संसाधन विकास मंत्री और गृह मंत्री दोनों शामिल हैं. यह आधिकारिक रूप से प्रायोजित गुंडागर्दी थी. उन्होंने आरोप लगाया कि एक महिला प्राध्यापिका की पिटायी की गयी, क्योंकि वो छात्र रजिस्ट्रेशन का कार्यक्रम चला रही है और अनेक वार्डन के घर जाकर उन पर दबाव बनाकर उनसे इस्तीफा लिखवाया जाता है. भाजपा नेता ने कहा, ये गुंडागर्दी नहीं है तो क्या है?

जावड़ेकर ने आरोप लगाया कि छात्र उनकी (छात्र संघ) नहीं सुन रहे थे क्योंकि छात्र वहां पढ़ने के लिए आए थे, इससे चिढ़े हुए आंदोलनकारी नकाब पहन कर सर्वर रूम में जाकर तोड़फोड़ करते हैं, ताकि ये प्रक्रिया रुके और रजिस्ट्रेशन करा रहे छात्रों को पीटा गया. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में सेमेस्टर के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 1 जनवरी को शुरू हुई. 1 जनवरी को 1,100 छात्रों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया, जिसका बहिष्कार करने का आह्वान वाम और कांग्रेस के छात्र संगठनों ने किया था.

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