हाईकोर्ट पहुंचे JNU के प्रोफेसर, बोले- कैंपस में हुई हिंसा के सबूत नष्ट होने से बचाएं
नयी दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी जेएनयू में हुई हिंसा मामले की जांच जारी है. इस मामले में अबतक एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई हैं. हालांकि इस मामले की जांच कर रहे दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने कहा है कि कुछ संदिगध हमलावरों की पहचान कर ली गई है. […]
नयी दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी जेएनयू में हुई हिंसा मामले की जांच जारी है. इस मामले में अबतक एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई हैं. हालांकि इस मामले की जांच कर रहे दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने कहा है कि कुछ संदिगध हमलावरों की पहचान कर ली गई है.
3 professors of Jawaharlal Nehru University (#JNU) have approached the Delhi High Court and filed a petition seeking to preserve CCTV footage and other evidence related to January 5 violence at the university campus. pic.twitter.com/R53635UEiw
— ANI (@ANI) January 10, 2020
इसी बीच, शुक्रवार को जेएनयू के तीन प्रोफेसर शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे. प्रोफेसर्स की अपील है कि पांच जनवरी को जो हिंसा हुई थी, उसकी सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित किया जाए ताकि किसी तरह से भी सबूत ना मिट सके. उनकी याचिका में अपील की गई है कि हिंसा से जुड़ी सारी वीडियो व्हाट्सएप, गूगल, एप्पल कंपनी से जुड़े सॉफ्टवेयर में मौजूद हैं. ऐसे में इन कंपनियों को आदेश दिया जाना चाहिए कि हिंसा से जुड़े वीडियो को सुरक्षित रखें और उन्हें वापस मुहैया कराकर दें.
याचिका में कुछ व्हाट्सएप ग्रुप के नाम का जिक्र भी किया है. बता दें कि पांच जनवरी की शाम को दर्जनभर नकाबपोश हमलावरों ने जेएनयू कैंपस में शिक्षकों और छात्र-छात्राओं पर हमला किया था. हमलावरों के द्वारा तोड़फोड़ की गई थी. इस हमले में छात्रसंघ अध्यक्ष आइशा घोष समेत 34 से अधिक लोग घायल हो गए थे.इश घटना को लेकर पूरे देश भर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.