नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को एक गैर सरकारी संगठन की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड मामले में मौत की सजा का इंतजार कर रहे चार दोषियों को अंगदान के लिए मनाने के वास्ते उनसे मिलने की अनुमति देने का आग्रह किया गया था.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने याचिका को विचार योग्य न पाते हुए खारिज कर दिया. अदालत ने सात जनवरी को चारों दोषियों मुकेश, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह के खिलाफ मृत्यु वारंट जारी करते हुए उन्हें 22 जनवरी को सुबह सात बजे तिहाड़ जेल में फांसी पर लटकाने का आदेश दिया था. न्यायाधीश ने कहा कि उनका मत है कि आवेदक को दोषियों से मिलने का कोई अधिकार नहीं है और जेल अधिकारियों को बैठक कराने का निर्देश नहीं दिया जा सकता.
अदालत ने यह भी उल्लेख किया, उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार चार में से दो दोषियों ने उच्चतम न्यायालय के समक्ष याचिकाएं दायर की हैं. याचिका एनजीओ ‘रोड एंटी करप्शन ऑर्गेनाइजेशन’ (रैको) द्वारा दायर की गयी थी. संगठन की ओर से पेश वकील शिवम शर्मा ने कहा, हम उन्हें (दोषियों) समाज कल्याण के लिए अंगदान के वास्ते प्रेरित करना चाहते हैं.