कमला बेनीवाल की बर्खास्तगी पर चौतरफा घिरी मोदी सरकार, विपक्ष के आरोप खारिज किए
नयी दिल्ली: मिजोरम की राज्यपाल कमला बेनीवाल की बर्खास्तगी के मुद्दे पर केंद्र की राजग सरकार विपक्ष के हमलों से घिर गई है. विपक्ष ने बेनीवाल की बर्खास्तगी को ‘‘राजनीतिक बदला’’ करार दिया जबकि सरकार ने इस आरोप को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि बेनीवाल के खिलाफ ‘‘गंभीर आरोपों’’ के मद्देनजर यह फैसला […]
नयी दिल्ली: मिजोरम की राज्यपाल कमला बेनीवाल की बर्खास्तगी के मुद्दे पर केंद्र की राजग सरकार विपक्ष के हमलों से घिर गई है. विपक्ष ने बेनीवाल की बर्खास्तगी को ‘‘राजनीतिक बदला’’ करार दिया जबकि सरकार ने इस आरोप को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि बेनीवाल के खिलाफ ‘‘गंभीर आरोपों’’ के मद्देनजर यह फैसला किया गया और इसमें किसी तरह की कोई राजनीति नहीं है.
गौरतलब है कि 87 साल की बेनीवाल जब गुजरात की राज्यपाल थीं तो तत्कालीन मुख्यमंत्री और अब प्रधानमंत्री बन चुके नरेंद्र मोदी के रिश्ते कडवाहट भरे थे. दोनों के बीच लोकायुक्त की नियुक्ति और कुछ अन्य विधेयकों के मुद्दे पर टकराव हुआ था. राज्यपाल के तौर पर बेनीवाल की बर्खास्तगी ऐसे समय में हुई है जब उनका कार्यकाल पूरा होने में महज दो महीने बाकी थे.
पिछले महीने पुडुचेरी के उप-राज्यपाल पद से हटाए गए कांग्रेस नेता वीरेंद्र कटारिया ने सरकार के कदम को ‘‘राजनीतिक बदला’’ करार दिया और कहा कि इसे कतई सही नहीं ठहराया जा सकता और यह एक संवैधानिक पद पर चोट है. कांग्रेस महासचिव एवं पार्टी के संवाद विभाग के अध्यक्ष अजय माकन ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘यदि राज्यपाल कमला बेनीवाल को हटाना ही था तो चंद दिनों पहले उनका तबादला मिजोरम क्यों किया गया था ? यह बदले की राजनीति है.’’
राजग सरकार को आडे हाथ लेते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी :एनसीपी: के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि बेनीवाल की बर्खास्तगी उच्चतम न्यायालय के फैसले का ‘‘सरासर उल्लंघन’’ है और यह ‘‘राजनीतिक बदले’’ का मामला है. राजनीतिक बदले के आरोपों को खारिज करते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने जोर देकर कहा कि इस फैसले के पीछे ‘‘कोई राजनीति नहीं’’ है.
नायडू ने कहा, ‘‘मिजोरम की राज्यपाल के खिलाफ की गई कार्रवाई उच्चतम न्यायालय के पहले के फैसले का उल्लंघन नहीं है. नियमों के मुताबिक और संविधान के दायरे में रहकर कार्रवाई की गई है. इसके पीछे कोई राजनीति नहीं है.’’ मंत्री ने कहा, ‘‘उन पर गंभीर आरोप हैं. सरकार ने उन पर गौर कर कार्रवाई की है.’’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने सोच-विचार कर इस पर फैसला किया है और ऐसे फैसले सरकार के ‘‘विशेषाधिकार’’ होते हैं.
नायडू ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है. उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस इससे राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रही है.’’ केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार ने संवैधानिक सिद्धांतों के मुताबिक यह कदम उठाया है. प्रसाद ने कहा, ‘‘…राज्यपाल कमला बेनीवाल को हटाने का फैसला संवैधानिक सिद्धांतों एवं परंपराओं के मुताबिक लिया गया है और उसे भारत के राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिली है.’’
उन्होंने कहा कि यदि सरकार को इससे ज्यादा कुछ कहना होगा तो वह सदन में अपनी बात कहेगी. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने बेनीवाल की बर्खास्तगी को ‘‘राजनीतिक बदले का बेहतरीन नमूना’’ करार दिया और कहा कि सरकार की कार्रवाई उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ है.