CAA, NRC और NPR के खिलाफ कांग्रेस ने तैयार की रणनीति, मोदी सरकार को घेरने की तैयारी

नयी दिल्लीः संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी(एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर-2020(एनपीआर) का खुलकर विरोध कर रही कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरने के लिए खास रणनीति बनाई है. इसके तहत जल्द ही कांग्रेस जल्द ही इन मुद्दों के साथ विश्वविद्यालय परिसरों में छात्रों पर हमले, आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, कृषि संकट और महिला सुरक्षा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 12, 2020 1:56 PM
नयी दिल्लीः संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी(एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर-2020(एनपीआर) का खुलकर विरोध कर रही कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरने के लिए खास रणनीति बनाई है. इसके तहत जल्द ही कांग्रेस जल्द ही इन मुद्दों के साथ विश्वविद्यालय परिसरों में छात्रों पर हमले, आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, कृषि संकट और महिला सुरक्षा जैसे जनहित के मुद्दों को लेकर व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाएगी.
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक शनिवार को हुई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में यह कहा गया कि मोदी सरकार के खिलाफ पार्टी के नेता और कार्यकर्ता जनता के बीच जाएं और इन मुद्दों को लेकर सरकार की नीतियों को बेनकाब करें.
पार्टी के सभी फ्रंटल संगठन, विभाग और प्रदेश कांग्रेस कमेटियां अलग अलग कार्यक्रमों के आधार पर जनता से संपर्क करेंगी और इन मुद्दों को उठाएंगी. सूत्रों का कहना है कि 13 जनवरी को समान विचारधारा वाली पार्टियों की बैठक में भी इन मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होगी और मोदी सरकार को संसद के आगामी बजट सत्र के दौरान और सड़क पर भी घेरने के लिए इन दलों को साथ लेने की कोशिश होगी.
विपक्षी दलों की इस बैठक के बाद कांग्रेस इस जनसंपर्क अभियान की पूरी रूपरेखा पेश कर सकती है. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, सीएए के मुद्दे पर पार्टी पहले से ही अलग अलग कार्यक्रमों, प्रेस वार्ताओं, धरना-प्रदर्शनों के जरिये आवाज उठा रही है. लेकिन अब सीएए, एनआरसी और एनपीआर के मुद्दों के साथ ही जनहित के मुद्दों को भी व्यापक स्तर पर जनता के बीच उठाया जाएगा.
सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष ने स्पष्ट रूप से कहा कि सीएए का मकसद देश के लोगों को धार्मिक आधार पर बांटना है और 2020 का एनपीआर, एनआरसी का एक छिपा हुआ रूप है. कांग्रेस की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई ने सीएए को वापस लेने और एनपीआर की प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की है.
सीडब्ल्यूसी के एक सदस्य ने कहा कि जनता को सरकार के विभाजनकारी एजेंडे के बारे में अवगत कराने के साथ ही युवाओं और छात्रों पर सुनियोजित हमले, आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, कृषि संकट और महिला सुरक्षा के मुद्दों को जोरशोर से उठाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सभी पीसीसी और पार्टी के फ्रंटल संगठन एवं विभाग जनहित के मुद्दों पर व्यापक रूप से जनता के बीच जाएंगे.
गौरतलब है कि सीडब्ल्यूसी की शनिवार को दो घंटे से अधिक चली बैठक में सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों और जेएनयू सहित कई अन्य विश्वविद्यालयों में छात्रों पर हमले के बाद बने हालात, अर्थव्यवस्था में सुस्ती, जम्मू-कश्मीर की स्थिति और पश्चिम एशिया के मौजूदा हालात पर चर्चा की गयी.
इसके साथ ही जेएनयू और कई अन्य विश्वविद्यालयों में हिंसा की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव भी पारित किया गया. कांग्रेस सीएए विरोधी प्रदर्शनों का खुलकर समर्थन कर रही है तथा इस मुद्दे पर बेहद आक्रामक रुख अपनाए हुए है. कांग्रेस नेता खासकर महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा विरोध प्रदर्शनों के दौरान भड़की हिंसा से प्रभावित परिवारों से लगातार मुलाकात कर रही हैं.

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