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अमित शाह का बड़ा बयान- JNU में देश विरोधी नारे लगाने वालों को जाना होगा जेल

जबलपुर (मध्यप्रदेश) : केंद्रीय गृहमंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को कहा कि जिन लोगों ने दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में देश विरोधी नारे लगाये हैं, उनको जेल की सजा होगी. सीएए पर भाजपा के देशव्यापी जनजागरण अभियान के अंतर्गत जबलपुर के गैरिसन ग्राउंड पर आमसभा को संबोधित करते […]

जबलपुर (मध्यप्रदेश) : केंद्रीय गृहमंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को कहा कि जिन लोगों ने दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में देश विरोधी नारे लगाये हैं, उनको जेल की सजा होगी.

सीएए पर भाजपा के देशव्यापी जनजागरण अभियान के अंतर्गत जबलपुर के गैरिसन ग्राउंड पर आमसभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, जेएनयू में कुछ लड़कों ने देश विरोधी नारे लगाये ‘भारत तेरे टुकड़े हों एक हजार, इंशा अल्लाह, इंशा अल्लाह’. उन्होंने वहां मौजूद लोगों से पूछा, उन्हें जेल में डालना चाहिए या नहीं डालना चाहिए? इस पर वहां मौजूद लोगों ने ‘हां’ में जवाब दिया. इसी बीच, शाह ने कहा, (कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष) राहुल गांधी एवं (दिल्ली के मुख्यमंत्री) केजरीवाल कहते हैं कि उन्हें, बचा लो. उन्होंने कहा, मैं पूछना चाहता हूं कि क्या ये देशविरोधी नारे लगाने वाले आपके (राहुल एवं केजरीवाल के) चचेरे भाई लगते हैं क्या?

शाह ने आगे कहा, केजरीवाल सुनिये. जो देश विरोधी लगायेंगे, उनको जेल की सजा होगी. दिल्ली में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जेएनयू विवाद में केजरीवाल को घसीट कर शाह के इस बयान को इस चुनाव में फायदा उठाने वाला माना जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए हटाकर उसे भारत का अटूट हिस्सा बना दिया. लेकिन, कांग्रेस ने इसका भी विरोध किया. मोदी जी ने सर्जिकल स्ट्राइक की, एयर स्ट्राइक की, ये पाकिस्तान की तरह उसके सबूत मांगते हैं.

वहीं, राम मंदिर मुद्दे पर कांग्रेस के वकील कपिल सिब्बल कहते हैं कि राम जन्मभूमि पर मंदिर नहीं बनना चाहिए. उन्होंने कहा, मैं चुनौती देता हूं कि वह (सिब्बल) जितना जोर लगाना चाहे लगा लें, अयोध्या में चार माह में आसमान को छूने वाले (गगनचुंबी) राममंदिर का निर्माण होगा. शाह ने कहा, 370 और 35 ए पर राहुल, केजरीवाल, (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री) ममता बनर्जी, (पाकिस्तान के प्रधानमंत्री) इमरान खान इन सबकी भाषा एक समान क्यों है? क्योंकि वोट बैंक के लालच में विपक्षी दलों के नेता पाकिस्तान की ही भाषा बोलने लगे हैं.

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