नयी दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर देश को गुमराह किया है.
कई प्रमुख विपक्षी दलों की बैठक में सोनिया ने आरोप लगाया, सरकार ने दमन चक्र चला रखा है, नफरत फैला रही है और लोगों को समुदाय के आधार पर बांट रही है. उन्होंने कहा, देश में अप्रत्याशित अशांति है. संविधान को कमजोर किया जा रहा है और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया जा रहा है. देश के हिस्सों खासकर उत्तर प्रदेश में समाज के बड़े तबकों को प्रताड़ित किया जा रहा है और उन पर हमले किये जा रहे हैं. एनआरसी और सीएए का उल्लेख करते हुए सोनिया ने आरोप लगाया कि मोदी और अमित शाह ने गुमराह किया है. उन्होंने दावा किया, असम में एनआरसी उल्टा पड़ गयी. मोदी-शाह सरकार अब एनपीआर की प्रक्रिया को करने में लगी है. यह स्पष्ट है कि एनपीआर को पूरे देश में एनआरसी लागू करने के लिए किया जा रहा है.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा बुलायी गयी इस बैठक में 20 दलों के नेता शामिल हुए. इस बैठक में सीएए के विरोध में हुए प्रदर्शनों और कई विश्वविद्यालय परिसरों में हिंसा के बाद पैदा हुए हालात, आर्थिक मंदी तथा कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की गयी. पार्लियामेंट एनेक्सी में हुई बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, एके एंटनी, केसी वेणुगोपाल, गुलाम नबी आजाद और रणदीप सुरजेवाला, माकपा के सीताराम येचुरी, भाकपा के डी राजा, झामुमो के नेता एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राकांपा के प्रफुल्ल पटेल, राजद के मनोज झा, नेशनल कांफ्रेस के हसनैन मसूदी और रालोद के अजित सिंह मौजूद थे.
इसके साथ ही आईयूएमएल के पीके कुन्हालीकुट्टी, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, पीडीपी के मीर मोहम्मद फैयाज, जद (एस) के डी कुपेंद्र रेड्डी, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी, रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा तथा कई अन्य दलों के नेता भी बैठक में शामिल हुए. इस बैठक में बसपा, आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस शामिल नहीं हुईं. बैठक में संसद के आगामी बजट सत्र में नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने की रणनीति पर भी चर्चा हुई.