जयपुर: सीमावर्ती राज्य राजस्थान की राजधानी जयपुर में आयोजित हो रहा है चौथा आर्म्स फोर्स वेटरन डे. इस मौके पर तीनों सेना प्रमुखों समेत केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद हैं. इस कार्यक्रम का आयोजन सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों तथा जवानों के हितों की रक्षा तथा उनके कल्याण के विषय में चर्चा के लिए किया जाता है. कार्यक्रम में राजनाथ सिंह का संबोधन हुआ जहां उन्होंने अपने विचार रखे.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जवानों को सराहा
हालिया दिनों में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति के संबंध में अपनी बात रखते हुए कहा कि बीते बीस-इक्कीस साल से इस बात की चर्चा हो रही थी कि एक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति होनी चाहिए लेकिन कभी कोई ठोस पहल नहीं हुई. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जैसे ही मैं रक्षा मंत्री बना, मैंने पीएम के साथ इस पर चर्चा की. राजनाथ सिंह ने कहा कि पीएम ने एक पल भी इंतजार किए बिना कहा कि ठीक है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ये भी कहा कि यदि आज भारत सुरक्षित है तो ना केवल इसकी सीमाएं सुरक्षित है बल्कि देश की एकता भी सुरक्षित है, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इसका श्रेय आप जैसे बहादुर लोगों को जाता है, जो हमारे देश के सशस्त्र बल के जवान हैं.
सोशल मीडिया में करें सकारात्मक प्रसारण
इस मौके पर नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा कि ये सूचना का युग है जहां बहुत सारी अच्छी जानकारियां साझा की जाती हैं लेकिन कई बार इसी में मिथकों को भी जगह मिल जाती है. उन्होंने कहा कि, सोशल मीडिया पर कई बार सैन्य बलों की सेवाओं के विषय में भ्रामक जानकारी और धारणाएं फैलाई जाती हैं जो कि गलत है.
उन्होंने वहां मौजूद सेवानिवृत्त जवानों तथा अधिकारियों से अपील की कि वे समाज में अपनी सम्मानजनक स्थिति की बदौलत ये सुनिश्चित करें कि सोशल मीडिया में सैन्य बलों की कार्यप्रणाली के बारे में सही और सकारात्मक जानकारी सोशल मीडिया में प्रसारित हो.
‘सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों को भी मिले पेंशन’
वहीं नौसेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने अपने संबोधन में कहा कि सेवानिवृत्त होने के बाद भी हमारे जवान और अधिकारी विभिन्न क्षेत्रों में अपने-अपने तरीके से राष्ट्र निर्माण में योगदान दे रहे हैं इसलिए इनका कल्याण भी हमारी प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि पिछले साल भी सेना ने इस दिशा मेें कदम उठाते हुए 250 अधिकारियों और 11,500 जेसीओ को रिटायरमेंट के बाद नौकरी दिलाने में मदद की थी.
सेना प्रमुख जनरल मुकुंद नरवणे ने कहा कि हम महिलाओं को भी बड़ी संख्या में सेना में शामिल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कुल 1700 वाहिनी सेना में शामिल की जाएंगी. जनरल नरवणे ने कहा कि इस साल बीते 6 जनवरी से 101 महिलाओं का प्रशिक्षण शुरू किया जा चुका है.
उन्होंने बताया कि, सेना ने प्रस्ताव दिया है कि 1965 और 1971 के युद्ध में भाग ले चुके बुजुर्ग सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों को भी स्वतंत्रता सेनानियों की भांति पेंशन दिया जाए.