22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Nirbhaya Case: मुकेश का तिकड़म- राष्ट्रपति से दया, हाईकोर्ट से डेथ वारंट निरस्त करने की गुजारिश

नयी दिल्ली : निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड मामले के चार दोषियों में से एक मुकेश सिंह ने मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष दया याचिका दायर की. यह जानकारी तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने दी. इसके अलावा मुकेश ने निचली अदालत द्वारा जारी मृत्यु वारंट को निरस्त कराने के लिए मंगलवार को ही […]

नयी दिल्ली : निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड मामले के चार दोषियों में से एक मुकेश सिंह ने मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष दया याचिका दायर की. यह जानकारी तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने दी. इसके अलावा मुकेश ने निचली अदालत द्वारा जारी मृत्यु वारंट को निरस्त कराने के लिए मंगलवार को ही दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की.

मुकेश ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका तब दायर की जब उच्चतम न्यायालय ने उसकी सुधारात्मक याचिका को मंगलवार काे खारिज कर दिया. गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को मुकेश के साथ एक अन्य दोषी विनय शर्मा की सुधारात्मक याचिका को खारिज किया था. विनय पहले ही राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर कर चुका है. हालांकि, बाद में उसने अपनी याचिका वापस लेने की मांग की थी. दो अन्य दोषियों अक्षय कुमार सिंह और पवन गुप्ता ने अभी तक सुधारात्मक याचिका दायर नहीं की है. दिल्ली की एक अदालत ने 7 जनवरी को चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में मौत होने तक फांसी पर लटकाने के लिए डेथ वारंट जारी किया था.

इसके अलावा मुकेश ने निचली अदालत द्वारा जारी मृत्यु वारंट को निरस्त कराने के लिए मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की. दोषी मुकेश की याचिका न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ के समक्ष बुधवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है. वकील वृंदा ग्रोवर के जरिये दायर याचिका में सात जनवरी को निचली अदालत द्वारा जारी किये गये फांसी के वारंट को खारिज करने का आग्रह किया गया है.

इस मामले के मुख्य आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी, जबकि एक अन्य आरोपी नाबालिग था और उसके खिलाफ किशोर न्याय कानून के तहत कार्यवाही की गयी थी. उसे तीन साल तक सुधार गृह में रखनेके बाद रिहा कर दिया गया था. बाकी चारों आरोपियों को निचली अदालत ने दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनायी थी, जिसकी पुष्टि हाईकोर्ट ने कर दी थी. इसके बाद, मई, 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने चारों दोषियों की मौत की सजा बरकरार रखते हुए उनकी अपील खारिज कर दी थी. शीर्ष अदालत ने बाद में इन दोषियों की पुनर्विचार याचिकाएं भी खारिज कर दी थी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें