‘रायसीना डायलॉग” में बोले ईरान के विदेश मंत्री- अमेरिका से बातचीत नहीं, कूटनीति में दिलचस्पी
नयी दिल्ली : ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने बुधवार को कहा कि उनके देश की दिलचस्पी अमेरिका के साथ बातचीत में नहीं, बल्कि कूटनीति में है. जरीफ ने ऐसे समय पर यह बात कही है जब ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद ईरान और अमेरिका के बीच बेहद तनावपूर्ण स्थिति […]
नयी दिल्ली : ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने बुधवार को कहा कि उनके देश की दिलचस्पी अमेरिका के साथ बातचीत में नहीं, बल्कि कूटनीति में है.
जरीफ ने ऐसे समय पर यह बात कही है जब ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद ईरान और अमेरिका के बीच बेहद तनावपूर्ण स्थिति है. अमेरिका को आड़े हाथ लेते हुए जरीफ ने कहा कि कासिम सुलेमानी की हत्या की घटना अज्ञानता और अहंकार दिखाती है. भू-राजनीति पर हो रहे भारत के वैश्विक सम्मेलन ‘रायसीना डायलॉग’ में जरीफ ने कहा कि सुलेमानी को मारे जाने के विरोध में 430 भारतीय शहरों में प्रदर्शन हुए. उन्होंने कहा, ईरान की दिलचस्पी कूटनीति में है. हमें अमेरिका के साथ बात करने में कोई दिलचस्पी नहीं है. परमाणु समझौते के तहत की गयी प्रतिबद्धताओं पर अमेरिका कायम नहीं रहा. हमने अमेरिका के साथ समझौता किया था और अमेरिका ने उसे तोड़ दिया. अगर हम ट्रंप के साथ समझौता करें तो यह कितने दिन चलेगा?
जरीफ ने कहा, हमें क्षेत्र में उम्मीद जगानी होगी, मायूसी से मुक्ति पाना होगा. उन्होंने कहा, मौजूदा तनावपूर्ण हालात के कारण जो नुकसान हुआ उसमें हमें सैकड़ों अरब डॉलर खर्च करना पड़े. जरीफ ने कहा कि आईएसआईएस के सामने सुलेमानी इकलौता बड़ा खतरा थे. उनके मारे जाने के बाद आतंकी समूह और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जश्न मना रहे हैं. इस सप्ताह के शुरू में यूक्रेन के एक यात्री विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से उसमें सवार सभी 176 नागरिक और चालक दल के सदस्य मारे गये थे. ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने बाद में माना कि उसके द्वारा दागी गयी मिसाइल का भूलवश निशाना बनने की वजह से यह विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ.
जरीफ ने विमान गिराये जाने को एक भूल करार दिया. उन्होंने रायसीना डायलॉग में कहा कि यात्री विमान को मार गिराना एक भूल थी. सुलेमानी ईरान के अल-कुद्स बल के प्रमुख थे और तीन जनवरी को बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के पास अपने काफिले पर हुए अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गये थे. पिछले सप्ताह ईरान ने इराक में दर्जनों मिसाइलें कम से कम उन दो ठिकानों को निशाना बनाकर कर दागीं जहां अमेरिकी सेना और गठबंधन बल हैं. मेजर जनरल सुलेमानी की मौत को दोनों देशों के बीच के अब तक के सबसे बड़े तनाव के रूप में देखा जा रहा है.