निर्भया केस: दिल्ली सरकार ने खारिज की दोषी ”मुकेश सिंह” की दया याचिका
नयी दिल्ली: राजधानी दिल्ली में साल 2012 में हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में सजायाक्ता चार दोषियों में से एक मुकेश सिंह की दया याचिका को दिल्ली सरकार ने खारिज कर दिया है. अब मुकेश सिंह की याचिका दिल्ली के उपराज्यपाल से होते हुए केंद्रीय गृहमंत्रालय तक जाएगी. वहां से इस याचिका को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद […]
नयी दिल्ली: राजधानी दिल्ली में साल 2012 में हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में सजायाक्ता चार दोषियों में से एक मुकेश सिंह की दया याचिका को दिल्ली सरकार ने खारिज कर दिया है. अब मुकेश सिंह की याचिका दिल्ली के उपराज्यपाल से होते हुए केंद्रीय गृहमंत्रालय तक जाएगी. वहां से इस याचिका को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के विचारार्थ भेजा जाएगा. हालांकि, राष्ट्रपति इस मामले में किसी तरह की नरमी दिखाएंगे, इसकी संभावना नहीं के बराबर है.
बीते दिनों खारिज हुआ था क्यूरेटिव पीटिशन
बता दें कि बीते दिनों ही दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों की मौत की तारीख मुकर्रर की थी. 22 जनवरी 2020 को सुबह सात बजे उनको फांसी दी जानी थी. वारंट जारी करने के बाद कोर्ट ने सभी दोषियों को अपने बचाव में किसी भी प्रकार का कदम उठाने के लिए 14 दिनों की मोहलत दी थी. इसके बाद चारों दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल किया था जो खारिज हो गया. सुनवाई करने वाली पीठ का कहना था कि इसमें विचार करने जैसा कुछ भी नहीं है.
2012 Delhi gang-rape case: Delhi Government has rejected the mercy plea of Mukesh, one of the convicts in the case. The mercy plea was then forwarded to Lieutenant Governor, who has now sent it to Union Ministry of Home Affairs.
— ANI (@ANI) January 16, 2020
16 दिसंबर 2012 को हुई थी ये घटना
बता दें कि 16 दिसंबर 2012 की रात दिल्ली में एक बस में सवार छह लोगों ने 23 वर्षीय पैरामेडिकल की छात्रा के साथ गैंगरेप के बाद उसे जख्मी हालत में सड़क पर फेंक दिया था. घटना के बाद युवती को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. बाद में उसे सिंगापुर के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां इलाज के दौरान 29 दिसंबर को उसकी मौत हो गयी. इस घटना का देशव्यापी विरोध हुआ था. लोग सड़कों पर उतर आए थे.