मुम्बईः पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला से मिलने का दावा करने वाले शिवसेना नेता संजय राउत ने ये बयान वापस ले लिया है. बुधवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मेरे कांग्रेस के मित्रों को आहत होने की जरूरत नहीं है. अगर किसी को लगता है कि मेरे बयान से इंदिरा गांधी की छवि को नुकसान पहुंचा या किसी की भावनाएं आहत हुईं, तो मैं उसे वापस लेता हूं
बता दें कि बुधवार को एक कार्यक्रम में सांसद संजय राउत ने यह कह कर सनसनी मचा दी कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला से मिलने जाती थीं. उनके इस बयान के सियासी सरगर्मी बढ़ गयी. भाजपा ने भी इस मौके का फायदा उठाया और कहा कि कांग्रेस का अंडरवर्ल्ड डॉन से नाता हमेशा से रहा है.
वहीं राज्य की सत्ता में सहयोगी कांग्रेस को राउत का यह बयान रास नहीं आय़ा. पूर्व केन्द्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने इंदिरा गांधी को एक सच्ची देशभक्त बताया, जिन्होंने कभी भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया. बता दें कि करीम लाला, मस्तान मिर्जा उर्फ हाजी मस्तान और वरदराजन मुदलियार मुम्बई के बड़े माफिया सरगना थे, जो 1960 से लेकर अस्सी के दशक तक सक्रिय रहे.
देवड़ा ने कहा कि राजनेताओं को उन प्रधानमंत्रियों की विरासत गलत तरीके से पेश करने से बचना चाहिए, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं. देवड़ा ने कहा कि कांग्रेस की मुम्बई इकाई का पूर्व अध्यक्ष होने के नाते मैं संजय राउत जी से उनके गलत बयान को वापस लेने का अनुरोध करता हूं. राजनेताओं को दिवंगत प्रधानमंत्रियों की विरासत को गलत तरीके से पेश करने से बचना चाहिए.
मुम्बई कांग्रेस के एक और पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम ने कहा कि राउत ने गांधी के खिलाफ अगर झूठा अभियान जारी रखा तो उन्हें पछताना पड़ेगा. राउत द्वारा ट्विटर पर अक्सर दूसरों की कविताएं साझा किए जाने का संदर्भ देते हुए निरुपम ने कहा कि बेहतर होगा कि अगर शिवसेना नेता कविताओं से महाराष्ट्र का मनोरंजन करने पर भी ध्यान दें.
गौरतलब है कि पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान दिए एक साक्षात्कार में राउत ने दावा किया था, जब (अंडरवर्ल्ड डॉन) हाजी मस्तान मंत्रालय आए थे, तो पूरा सचिवालय उन्हें देखने नीचे आ गया था. इंदिरा गांधी पायधुनी (दक्षिण मुम्बई) में करीम लाला से मिला करती थीं