नयी दिल्ली : वर्ष 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में मौत की सजा पाने वाले चार दोषियों में से एक के पिता ने गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत का रुख किया और इस मामले में एकमात्र चश्मदीद गवाह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने से इनकार करने वाले आदेश को चुनौती दी.
पवन कुमार गुप्ता के पिता हीरा लाल गुप्ता ने मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश के खिलाफ अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा के समक्ष आवेदन किया. याचिका में अदालत से दिल्ली पुलिस को निर्देश देने के लिए कहा गया है कि वह पीड़िता के मित्र और चश्मदीद गवाह के खिलाफ कथित रूप से पैसे लेकर विभिन्न टेलीविजन समाचार चैनलों को साक्षात्कार देने के लिए प्राथमिकी दर्ज करे. सत्र अदालत में इस मामले में 27 जनवरी को सुनवाई होगी. ऐसी ही एक याचिका को मजिस्ट्रेट अदालत ने छह जनवरी को खारिज कर दिया था. प्रत्यक्षदर्शी पीड़िता के साथ बस में था, जब यह वीभत्स घटना हुई और उसे भी गंभीर चोट आयीं.
याचिकाकर्ता के वकील एपी सिंह ने कहा है कि हाल में कुछ मीडिया रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि गवाह ने विभिन्न समाचार चैनलों पर आने के लिए पैसे लिये. इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि गवाह के इस कृत्य से मीडिया ट्रायल के चलते मुकदमा प्रभावित हुआ. शिकायत में कहा गया है, इसमें झूठी गवाही की एक स्वतंत्र जांच की जरूरत है, जो ऐसा लगता है कि उसने (गवाह) दी. एकमात्र गवाह होने के चलते उसकी गवाही ने मुकदमे के परिणाम को बहुत अधिक प्रभावित किया है, जिसके चलते अभियुक्तों को मौत की सजा मिली.