नयी दिल्ली :तिहाड़ जेल से रिहा होने के कुछ घंटे बाद भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद शुक्रवार को जामा मस्जिद पहुंचे. चंद्रशेखर ने यहां संविधान की प्रस्तावना पढ़ी. उनके साथ समर्थक और स्थानीय लोग भी थे. उन्होंने संशोधित नागरिकता कानून को निरस्त करने की मांग करते हुए कहा कि देश को एकजुट रखने से ज्यादा महत्वपूर्ण कोई और चीज नहीं है.
उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण विरोध हमारी ताकत है. सभी धर्मों के लोग जो हमारा समर्थन करते हैं, उन्हें बड़ी संख्या में हमारे साथ मिलकर यह साबित करना चाहिए कि ये विरोध अकेले मुसलमानों का नहीं हैं.चंद्रशेखर आजाद की जामा मस्जिद की यात्रा पर दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली छोड़ने के लिए कल तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद उनके पास 24 घंटे का समय है. वह जामा मस्जिद पर कोई विरोध नहीं कर रहे हैं.
आपको बता दें कि उन्हें गुरुवार की रात तिहाड़ जेल से रिहा किया गया. चंद्रशेखर को पुरानी दिल्ली के दरियागंज में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था.
Delhi: People stage protest against #CitizenshipAmendmentAct and National Register of Citizens (NRC) at Jama Masjid. Bhim Army chief Chandrashekhar Azad has also reached. pic.twitter.com/9vPSENlZGp
— ANI (@ANI) January 17, 2020
आजाद के संगठन ने पुलिस की अनुमति के बगैर 20 दिसंबर को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक मार्च का आयोजन किया था. भीम आर्मी प्रमुख को 21 दिसंबर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.
दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को जमानत दी थी.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने उन्हें कुछ शर्तों के साथ राहत दी थी. आजाद को जमानत देते हुए अदालत ने कहा था कि वह चार हफ्तों तक दिल्ली नहीं आ सकेंगे और चुनावों तक कोई धरना आयोजित नहीं करेंगे. अदालत ने यह भी कहा था कि सहारनपुर जाने से पहले आजाद जामा मस्जिद समेत दिल्ली में कही भी जाना चाहते हैं, तो पुलिस उन्हें एस्कॉर्ट करेगी.
न्यायाधीश ने कहा था कि विशेष परिस्थितियों में विशेष शर्तों की जरूरत होती है.