नयी दिल्ली : निर्भया मामले में चार दोषियों में से एक की दया याचिका को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा अस्वीकार करने के फैसले का पराचिकित्सा की 23 वर्षीय छात्रा के पिता ने स्वागत किया है. छात्रा के साथ दिसंबर 2012 में बर्बर सामूहिक बलात्कार की घटना हुई थी. बाद में युवती की मौत हो गयी थी.
निर्भया के पिता ने शुक्रवार को उम्मीद जतायी कि अब दोषी फांसी के फंदे से नहीं बच पाएंगे.
सूत्रों ने बताया कि कोविंद ने 2012 में हुए निर्भया मामले के चार दोषियों में से एक मुकेश सिंह की दया याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी थी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को सुबह ही राष्ट्रपति को याचिका भेजी थी. निर्भया के पिता ने कहा कि हमें खुशी है कि उन्हें फांसी के फंदे तक पहुंचाने की संभावना बढ़ गयी है. हमें भरोसा है कि जैसे ही वह दया याचिका डालेंगे, वह अस्वीकार हो जाएगी.
उन्होंने कहा कि जब यह खबर आयी थी कि उन्हें 22 जनवरी को फांसी नहीं दी जा सकेगी तो वह निराश हो गये थे लेकिन शुक्रवार के घटनाक्रम से उम्मीद फिर बंधी है. निर्भया के पिता ने कहा कि पटियाला हाउस अदालत में दोपहर साढ़े तीन बजे सुनवाई होगी और इस फैसले का उस पर सकारात्मक असर पड़ेगा. कल जो निराशा थी वह आज आशा में बदल गयी.
दिल्ली की अदालत ने गुरुवार को तिहाड़ जेल के अधिकारियों से कहा था कि वह निर्भया मामले में दोषियों को मौत की सजा पर अमल के बारे में शुक्रवार तक स्थिति रिपोर्ट पेश करे। मुकेश सिंह ने दो दिन पहले दया याचिका दी थी. सात जनवरी को दिल्ली की एक अदालत ने मौत का फरमान जारी करते हुए कहा था कि चारों दोषियों – मुकेश सिंह (32), विनय शर्मा (26), अक्षय कुमार सिंह (31) और पवन गुप्ता (25) को 22 जनवरी की सुबह सात बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी जाएगी. हालांकि दिल्ली सरकार ने उच्च न्यायालय में कहा था कि दोषियों को फांसी नहीं दी जा सकती क्योंकि दोषी मुकेश ने दया याचिका दायर कर रखी है.