निर्भया मामला: पवन गुप्ता की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई, जानें निर्भया की मां ने क्या कहा

नयी दिल्ली: निर्भया मामले में सजायक्ता चारों दोषियों में से एक पवन गुप्ता की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. पवन गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन दाखिल किया है. इसमें पवन ने दावा किया है कि साल 2012 में अपराध के समय वो नाबालिग था, लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 20, 2020 8:41 AM

नयी दिल्ली: निर्भया मामले में सजायक्ता चारों दोषियों में से एक पवन गुप्ता की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. पवन गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन दाखिल किया है. इसमें पवन ने दावा किया है कि साल 2012 में अपराध के समय वो नाबालिग था, लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस तथ्य की अनदेखी की. बता दें कि इस समय अदालत द्वारा जारी डेथ वारंट के मुताबिक चारों आरोपियों को 1 फरवरी की सुबह 6 बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी जाएगी. इसी के साथ अदालत ने उन्हें किसी भी तरह के कानूनी सहायता लेने के लिए 14 दिन की मोहलत दी है.

‘जानबूझकर समय बर्बाद कर रहा दोषी’

दोषी पवन गुप्ता की याचिका पर सुनवाई के मामले में अब निर्भया की मां आशा देवी की प्रतिक्रिया सामने आई है. आशा देवी ने कहा कि पवन गुप्ता की याचिका केवल फांसी को टालने की कोशिश है. वो जानबूझकर इसमें देरी करवाने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि उसकी (पवन गुप्ता) की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में ही रद्द कर दी थी. रिव्यू पिटीशन को भी कोर्ट ने खारिज कर दिया. आशा देवी ने कहा कि वो केवल समय बर्बाद करने के लिए ऐसा कर रहा है. उन्होंने कहा कि जो भी लेकिन दोषियों को 1 फरवरी को ही फांसी दी जानी चाहिए.

Asha Devi, mother of 2012 Delhi gang-rape victim: It is just a tactic to delay the execution. His petition was cancelled in 2013 by SC. Review petition was also dismissed by the court. He’s doing it just to waste time. But all the convicts must be executed on 1 Feb only. https://t.co/NdTEstgtqE pic.twitter.com/qoxy3pyb1D

— ANI (@ANI) January 20, 2020

1 फरवरी को दी जानी है फांसी

बता दें कि इससे पहले सात जनवरी को अदालत ने चारों आरोपियों के लिए डेथ वारंट जारी किया था. इसके मुताबिक चारों को 22 जनवरी को फांसी दी जानी थी लेकिन दोषियों में से मुकेश सिंह ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर की थी. प्रक्रिया में वक्त लगा और फांसी टल गयी. 17 जनवरी को राष्ट्रपति ने मुकेश सिंह की दया याचिका खारिज कर दी. इसी दिन कोर्ट ने दोषियों के लिए नया डेथ वारंट जारी किया. निर्भया की मां ने फांसी में लेट लतीफी पर नाराजगी व्यक्त की. इस बीच सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने एक ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि आशा देवी को सोनिया गांधी की तरह मिसाल पेश करना चाहिए और दोषियों को माफ कर देना चाहिए. इस पर भी आशा देवी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की.

Supreme Court to hear today the Special Leave Petition (SLP) filed by Pawan Kumar Gupta, one of the convicts in 2012 Delhi gang-rape case. Pawan has claimed that he was a juvenile at the time of crime, and the Delhi High Court had ignored this fact. pic.twitter.com/7P0ohbBok3

— ANI (@ANI) January 20, 2020

सात साल पहले हुई थी घटना

गौरतलब है कि, साल 2012 में 16 दिसंबर की रात राजधानी दिल्ली में 23 वर्षीय मेडिकल छात्रा के साथ 6 लोगों ने चलती बस में दुष्कर्म किया था. इस दौरान छात्रा के साथ मारपीट भी गयी. इन लोगों ने पीड़िता और उसके दोस्त को जख्मी हालत में सड़क पर फेंक दिया था. पीड़िता को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती करवाया गया. हालत बिगड़ने पर उसे सिंगापुर रेफर किया गया जहां इलाज के दौरान 29 दिसंबर को पीड़िता की मौत हो गयी. इस घटना के बाद देशव्यापी विरोध प्रदर्शन हुआ था. 6 आरोपियों में से एक नाबालिग था इसलिए उसका केस जुवेनाइल कोर्ट में चला. उसे तीन साल की सजा हुई. बालिग पांच आरोपियों में से एक राम सिंह ने बाद में तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. बाकी चारों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गयी.

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