राज की मनसे ने अपनाया भगवा झंडा, घुसपैठियों को बाहर करने के लिए मोदी सरकार को समर्थन

मुंबई : महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने गुरुवार को अपनी पार्टी का नया भगवा झंडा जारी करके और पाकिस्तानी, बांग्लादेशी घुसपैठियों को देश से बाहर करने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार को समर्थन देने की घोषणा करके संकेत दिया कि वह अपने चाचा बाल ठाकरे की राजनीतिक विरासत को आगे ले जाना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 23, 2020 9:37 PM

मुंबई : महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने गुरुवार को अपनी पार्टी का नया भगवा झंडा जारी करके और पाकिस्तानी, बांग्लादेशी घुसपैठियों को देश से बाहर करने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार को समर्थन देने की घोषणा करके संकेत दिया कि वह अपने चाचा बाल ठाकरे की राजनीतिक विरासत को आगे ले जाना चाहते हैं.

राज ठाकरे ने दिवंगत शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे की जयंती के मौके पर गोरेगांव में मनसे की एक रैली को संबोधित किया. उन्होंने सवाल किया, नागरिकता संशोधन कानून पर बहस हो सकती है, लेकिन हमें बाहर से अवैध तरीके से देश में आये लोगों को शरण क्यों देनी चाहिए? महाराष्ट्र में कांग्रेस और राकांपा के साथ मिलकर सरकार बनाने वाले अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे पर परोक्ष व्यंग्य कसते हुए राज ठाकरे ने कहा, मैं सरकार बनाने के लिए मेरी पार्टी का रंग नहीं बदलता. मनसे के नये झंडे पर छत्रपति शिवाजी महाराज की राज मुद्रा का चित्र है. पार्टी के पहले के झंडे में भगवा, नीले और हरे रंग की पट्टियां थीं.

नये झंडे में शिवाजी महाराज की राज मुद्रा को अंकित करने पर शिवसेना और कुछ अन्य संगठनों ने विरोध दर्ज कराया. औरंगाबाद में शिवसेना की जिला इकाई के प्रमुख तथा विधान परिषद सदस्य अंबादास दानवे ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा कि छत्रपति शिवाजी की राज मुद्रा का राजनीतिक कारणों से इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा, हम इसके प्रति अपनी आपत्ति प्रकट करते हैं. हम राज्य सरकार और चुनाव आयोग से संपर्क कर इस मामले में कार्रवाई की मांग करेंगे.

राज ठाकरे ने 2006 में शिवसेना से अलग होकर मनसे का निर्माण किया था. औरंगाबाद के सामाजिक संगठन आर आर पाटिल फाउंडेशन के अध्यक्ष विनोद पाटिल ने संवाददाताओं से कहा कि वह मनसे के झंडे में राज मुद्रा का चित्र देखकर आहत हुए हैं और इस मामले में राज्य सरकार से मनसे के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हैं.

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