कोरोना का कहर : चीन के 5 शहर सील, वुहान में फंसे 25 भारतीय, पेइचिंग में भारतीय दूतावास ने जारी की अडवाइजरी

बीजिंग : कोरोना वायरस के फैलने के डर से चीन के पांच शहरों को सील कर दिया गया है. लोगों को निर्देश दिये गये हैं कि उनके पास जब तक कोई बेहद जरूरी कारण न हो, शहर न छोड़ें. ट्रेन और विमान के परिचालन पर रोक लगा देने के कारण हुआंगगैंग और वुहान शहर में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 24, 2020 11:40 AM

बीजिंग : कोरोना वायरस के फैलने के डर से चीन के पांच शहरों को सील कर दिया गया है. लोगों को निर्देश दिये गये हैं कि उनके पास जब तक कोई बेहद जरूरी कारण न हो, शहर न छोड़ें. ट्रेन और विमान के परिचालन पर रोक लगा देने के कारण हुआंगगैंग और वुहान शहर में दो करोड़ लोग इस बंद का सामना कर रहे हैं. वुहान में यह बीमारी तेजी से फैल रही है और यह आगे न बढ़े इसलिए यह फैसला किया गया है.

जानकारी के अनुसार भारत के 25 छात्र चीन के करॉना वायरस प्रभावित शहर वुहान में फंसे हुए हैं. इन 25 में 20 छात्र केरल के हैं. कोरोना वायरस के फैलने से भारत चिंता में है क्योंकि करीब 700 भारतीय छात्र वुहान और आसपास के इलाके में निवास करते हैं. इन छात्रों में अधिकतर चीनी विश्वविद्यालयों में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. भारत इस मामले में पहले ही यात्रा परामर्श जारी कर चुका है.

इधर , पेइचिंग में भारतीय दूतावास ने कोरोना वायरस को देखते हुए भारत की यात्रा पर आ रहे लोगों के लिए अडवाइजरी जारी की है.

आपको बता दें कि चीन में कोरोना वायरस ने अब तक 25 की जान ले ली है जबकि इससे 830 लोगों के पीड़ित होने की पुष्टि हो चुकी है. इसके कहर को देखते हुए वुहान में विमान सेवाओं सहित सभी सार्वजनिक परिवहन सेवाएं निलंबित कर दी गयी हैं. वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा विएना में गुरुवार को भी आपातकालीन बैठक हुई. इसमें इस संक्रमण को अंतरराष्ट्रीय चिंता वाली जन स्वास्थ्य आपदा घोषित करने पर विचार किया जा रहा है, जैसा कि स्वाइन फ्लू और इबोला के समय किया था.

चीन के वुहान शहर में सार्स जैसे संक्रमण से जुड़े सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. एक करोड़ से अधिक की आबादी वाला वुहान एक प्रमुख परिवहन केंद्र है. चीनी नववर्ष की वार्षिक छुट्टियों (जो 24 जनवरी से शुरू हो रही हैं) के लिए बड़ी संख्या में लोगों के चीन पहुंचने का अनुमान हैं. ज्यादातर लोग यहां से होकर अपने गंतव्य तक पहुंचेंगे.

गौर हो कि अमेरिका, मकाउ, कोरिया, जापान और थाइलैंड में भी इसके मामले सामने आये हैं.

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