गुरुद्वारा मामला:सुप्रीम कोर्ट ने दिया यथास्थिति बनाये रखने का निर्देश
नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी को निर्देश दिया कि अगले आदेश तक हरियाणा में गुरुद्वारों के नियंत्रण के मामले में यथास्थिति बनाये रखी जाये. साथ ही न्यायालय ने राज्य सरकार को कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश […]
नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी को निर्देश दिया कि अगले आदेश तक हरियाणा में गुरुद्वारों के नियंत्रण के मामले में यथास्थिति बनाये रखी जाये. साथ ही न्यायालय ने राज्य सरकार को कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है.
प्रधान न्यायाधीश आर एम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि यह अंतरिम आदेश दिये जाने के वक्त अपराह्न ढाई बजे की स्थिति के अनुसार प्रतिद्वन्द्वी समूहों के नियंत्रण वाले धर्मस्थलों के मामले में यथास्थिति बनाये रखी जाये.
इससे पहले, हरियाणा सरकार ने न्यायालय को सूचित किया कि हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेन्ट कमेटी ने राज्य में 52 गुरुद्वारों में से करीब 6-7 को अपने कब्जे में ले लिया है. राज्य सरकार के इस दावे को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने गलत बताया और कहा कि विरोधी गुट सिर्फ एक धर्मस्थल ही कुरुक्षेत्र जिले में अपने कब्जे में ले सका है. इस पर न्यायाधीशों ने कहा कि राज्य सरकार के कथन पर विश्वास नहीं करने की कोई वजह नहीं है. इसके साथ ही न्यायालय ने हरियाणा को शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिये सभी जरुरी कदम उठाने का निर्देश दिया.
न्यायाधीशों ने कहा, राज्य के पुलिस महानिदेशक और संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है कि किसी भी तरीके से कानून व्यवस्था में व्यवधान नहीं पडे और सभी आवश्यक उपाय किये जायें. न्यायालय ने दोनों समूहों को निर्देश दिया कि वे अपने अपने नियंत्रण वाले गुरुद्वारों के लिये नये बैंक खाते खोलें और उपहार तथा चढावा उसमें जमा करायें.
हरियाणा सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजू रामचंद्रन ने दलील दी कि राज्य में स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है और उसने उत्तेजना के पांच बिन्दुओं की पहचान की है. उन्होंने न्यायालय को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार किसी भी अप्रिय घटना की रोकथाम के लिये कृतसंकल्प है. न्यायालय ने इस मामले में आदेश पारित करने से पहले अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी के माध्यम से गृह मंत्रालय द्वारा उपलब्ध करायी गयी गुप्तचर ब्यूरो की रिपोर्ट का अवलोकन किया.
राज्य में 52 गुरुद्वारों को तीन सूचियों में वर्गीकृत किया गया है. पहली सूची में आठ ऐतिहासिक धर्मस्थल हैं जबकि दूसरी में 17 और अंतिम सूची में शेष अन्य धर्मस्थल आते हैं. न्यायालय शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य और हरियाणा निवासी हरभजन सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रहा था. सिंह ने हरियाणा सिख गुरुद्वारा:मैनेजमेन्ट: कानून, 2014 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है. इस कानून के तहत राज्य में गुरुद्वारों के प्रबंधन के लिये अलग कमेटी बनाने का प्रावधान है.
यह मामला आज सुबह सुनवाई के लिये आने पर न्यायाधीशों ने राज्य सरकार और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी तथा हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेन्ट कमेटी के प्रतिनिधियों को अपराह्न दो बजे उपस्थित रहने का निर्देश दिया. केंद्र सरकार और याचिकाकर्ता ने न्यायालय से अनुरोध किया कि यथास्थिति बनाये रखने का निर्देश दिया जाये लेकिन न्यायालय ने कहा कि वह सभी पक्षों को सुनने के बाद ही आदेश पारित करेगा. इसके साथ ही न्यायालय ने मामला अपराह्न दो बजे के लिये सूचीबद्ध कर दिया था.
नई कमेटी के सृजन ने हरियाणा में सिखों के धर्मस्थलों पर नियंत्रण को लेकर अमृतसर स्थित शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और नये संगठन के बीच तनाव बढ़ गया था. याचिकाकर्ता का तर्क था कि पंजाब पुनर्गठन कानून, 1966 की धारा 72 के अनुसार अंतराज्यीय संस्था कार्पोरेट के रुप में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मामले में कानून बनाने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार के पास है और कानून में राज्य द्वारा कानून बनाकर इसके बंटवारा करने का कोई प्रावधान नहीं है.