बंदर की खींची सेल्‍फी पर विकीपीडिया और फोटोग्राफर में मालिकाना हक की लडाई

नयी दिल्‍ली: सेल्‍फी के दौर में जब हर किसी को अपनी सेल्‍फी क्लिक करने का क्रेज है ऐसे में बंदर भी कहां पीछे रहने रहने वाले हैं. यह बात सुनने में थोडी अजीब जरूर लगती है लेकिन यह सच है आजकल एक बंदर के द्वारा ली गई सेल्‍फी विवादों में है. खबरों के मुताबिक इंडोनेशिया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 8, 2014 11:23 AM

नयी दिल्‍ली: सेल्‍फी के दौर में जब हर किसी को अपनी सेल्‍फी क्लिक करने का क्रेज है ऐसे में बंदर भी कहां पीछे रहने रहने वाले हैं. यह बात सुनने में थोडी अजीब जरूर लगती है लेकिन यह सच है आजकल एक बंदर के द्वारा ली गई सेल्‍फी विवादों में है. खबरों के मुताबिक इंडोनेशिया के एक द्वीप में एक बंदर की प्रजाती ब्‍लैक मकैक के द्वारा खींची गई सेल्‍फी से विवाद खडा हो गया है. असल में इस फोटो पर विकीपीडिया और फोटोग्राफर में इस फोटो के मालिकाना हक को लेकर जंग शुरु हो गई है.

विवाद की वजह है कि विकीपीडिया ने इस फोटो को पब्लिक डोमेने का बताते हुए अपने विकीपीडिया पेज पर लगाया है. जबकि फोटोग्राफर डेविड स्‍लेटर का कहना है कि 2011 में वे इंडोनेशिया के एक द्वीप पर बंदरों की फोटोग्राफी करने गये थे. उसी के दौरान एक ब्‍लैक मकैक ने उनसे कैमरा छीन लिया और अपनी सौ से भी ज्‍यादा तस्‍वीरें खींची. इन त‍स्‍वीरों में से कुछ अच्‍छी भी तस्‍वीरें आईं थी.

अब इन्‍हीं तस्‍वीरों पर मालिकाना हक की जंग विकीपीडिया और फोटोग्राफर डेविड स्‍लेटर के बीच शुरु हो गई है. फोटोगाफर का कहना है कि यह फोटो उनके कैमरे खींची गई है इसीलिए इस तस्‍वीर पर उनका हक है. जबकी विकीपीडिया का कहना है कि इस तस्‍वीर की कॉपीराइट उस बंदर के पास है ना कि फोटोग्राफर के पास क्‍योंकि इसे बंदर ने क्‍लिक कीया है. इस‍ीलिए यह पब्लिक डोमेन में रखा गया है और वह अपने विकीपीडिया पेज से यह तस्‍वीर नहीं हटाएगा.

स्‍लेटर ने इसपर विकीपीडिया के स्‍वामित्‍व वाली विकीमीडिया पर केस कर दिया है. उसने विकीमीडिया पर 30 हजार डॉलर के मुआवजे का केस किया है.

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