पिछले 50 सालों में सबसे बड़ा बदलाव करने जा रहा है विदेश मंत्रालय
नयी दिल्ली : विदेश मंत्रालय में सांगठनिक तौर पर बड़ा बदलाव आने वाला है. पिछले 50 सालों में विदेश मंत्रालय में होने वाल यह सबसे बड़ा बदलाव है. टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार आंतरिक बदलाव में पिरामिड सिस्टम की जगह वर्टिकल्स सिस्टम लाया जायेगा. नये तरीके से काम करने में आसानी होगी. […]
नयी दिल्ली : विदेश मंत्रालय में सांगठनिक तौर पर बड़ा बदलाव आने वाला है. पिछले 50 सालों में विदेश मंत्रालय में होने वाल यह सबसे बड़ा बदलाव है. टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार आंतरिक बदलाव में पिरामिड सिस्टम की जगह वर्टिकल्स सिस्टम लाया जायेगा. नये तरीके से काम करने में आसानी होगी. इस फैसले के बाद आरंभ से अंत तक सांगठनिक सुधारों को लागू करने वाला केंद्र सरकार का पहला मंत्रालय बन जायेगा.
आधुनिक कार्यशैली के तहत काम को बेहतर ढंग से करने के लिए विदेश मंत्रालय की संरचना आधुनिक प्रथाओं अनुकूल नहीं थी. मंत्रालय देश की विदेश नीति की मांगों को पूरा करने में इस वजह से खुद को असक्षम पा रहा था. नये जमाने की विदेश नीति को ठीक ढंग से लागू करने के लिए ज्यादा पेचीदा थी. हर्ष श्रृंगला नये विदेश सचिव का पदभार संभाल चुके हैं. ऐसे में विदेश मंत्री एस. जयशंकर मंत्रालय के सांगठनिक ढांचे में बदलाव की योजनाओं को लागू करने में लग गये हैं. इन बदलावों को लेकर श्रृगंला और जयशंकर के विचार मिलने के कारण इसमें बदलाव का काम आसान हो रहा है. अभी सरकार का लंबा कार्यकाल बचा है.
नये बदलाव के बाद विदेश मंत्रालय में कर्मचारियों के काम करने का तरीका कॉपोरेट जैसा होगा. समें आर्थिक और व्यापारिक कूटनीति, विकास भागीदारी, वाणिज्यिक दूतावास (कॉन्सुलर), तकनीकी जैसे उभरते क्षेत्रों आदि वर्टिकल्स बनेंगे. हरेक वर्टिकल के प्रमुख अतिरिक्त सचिव स्तर का अधिकारी होगा. इस तरह के निर्माण का मकसद मौजूदा पीरामिड जैसे ढांचे को तोड़ना और विदेश नीति के रुटीन कार्यों को रणनीतिक परियोजनाओं से अलग करना है. इससे सचिवों को बड़े मुद्दों को अपने स्तर से संभालने का मौका मिलेगा और काम का बंटवारा भी बराबर हो सकेगा. मौजूदा सिस्टम में संयुक्त सचिवों और चारों सचिवों पर काम का बहुत बड़ा बोझ हुआ करता था जिससे मंत्रालय देश की विदेश नीति के मोर्चे पर ही उलझा रहता था.
पहले चरण में गुरुवार को विदेश मंत्रालय के कुछ वर्टिकल्स बनाये हैं जिसे लागू कर दिया गया है. भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) के तत्कालीन प्रमुख अखिलेश मिश्रा चारों विकास भागीदारी प्रभागों का कामकाज देखेंगे. दिनेश पटनायक को आईसीसीआर का प्रमुख बनाया गया है. सांस्कृतिक कूटनीति का पूरा कामकाज इनके जिम्मे है. पी. हैरिश आर्थिक कूटनीतिक पहलों को देखेंगे. बहुपक्षीय आर्थिक कूटनीति के प्रमुख होंगे. नगमा मल्लिक के अंदर तीन अफ्रीकी डिविजनों की रिपोर्टिंग है. विक्रम दुरईस्वामी सभी बहुपक्षीय कार्यों के प्रमुख होंगे.