नयी दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वास्थ्य क्षेत्र में उठाये गए सरकार के विभिन्न कदमों का जिक्र करते हुए शुक्रवार को कहा कि गरीब और मध्यम वर्ग द्वारा इलाज पर किये जाने वाले खर्च में खासी कमी आयी है.
राष्ट्रपति संसद के बजट सत्र के पहले दिन दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, मेरी सरकार द्वारा लिये गए फैसलों की वजह से, गरीब और मध्यम वर्ग के इलाज का खर्च काफी कम हुआ है.
एक हजार से अधिक जरूरी दवाइयों की कीमत नियंत्रित होने से मरीजों के 12,500 करोड़ रुपये बचे हैं. स्टेंट और नी-इम्प्लांट की कीमत कम होने से लाखों मरीजों को नया जीवन मिला है. अब प्रतिदिन 5 से 7 लाख मरीज गंभीर बीमारियों की दवाई 6,000 से अधिक जन औषधि केंद्रों से कम कीमत में खरीद रहे हैं.
उन्होंने कहा, व्यक्ति के स्वास्थ्य का प्रभाव परिवार और देश, दोनों के विकास पर पड़ता है. मेरी सरकार स्वास्थ्य को लेकर समग्रता के साथ काम कर रही है.
स्वच्छ भारत अभियान, जल जीवन मिशन, पोषण अभियान, फिट इंडिया अभियान, आयुष्मान भारत योजना, ऐसी अनेक योजनाएं देशवासियों के स्वास्थ्य में सुधार लाने में सहायक हो रही हैं.
राष्ट्रपति ने कहा, आयुष्मान भारत योजना का व्यापक असर देश के स्वास्थ्य क्षेत्र पर देखने को मिल रहा है. प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत अब तक 75 लाख गरीब अपना मुफ्त इलाज करा चुके हैं.
उन्होंने कहा, मेरी सरकार ने राष्ट्रीय मेडिकल आयोग बनाकर मेडिकल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में सुधार की अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी है. इसी वर्ष देश में 75 नये मेडिकल कॉलेज बनाने की स्वीकृति दी गई है, जिससे देश में मेडिकल की लगभग 16 हजार एमबीबीएस और चार हजार से अधिक पीजी सीटों की बढ़ोतरी होगी.
इसके अतिरिक्त देश के विभिन्न क्षेत्रों में 22 एम्स की स्वीकृति दी जा चुकी है जिनका निर्माण प्रगति पर है. राष्ट्रपति ने महिला स्वास्थ्य के लिए सरकार द्वारा किये गए प्रयासों की चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना के तहत देश की एक करोड़ 20 लाख महिलाओं के लिए लगभग 5 हजार करोड़ रुपये सरकार द्वारा सीधे उनके बैंक खातों में जमा कराये गए हैं. मिशन इंद्रधनुष के तहत 3 करोड़ 50 लाख शिशुओं और लगभग 90 लाख गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण हो चुका है.